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अल्मोड़ा में नदी से होने वाली पेयजल व्यवस्था बरसात में हो जाती है ठप्प,उपभोक्ता दूषित पेयजल पीने को मजबूर

न्यूज डेस्क / अल्मोड़ा। हर बारिश के दौरान अक्सर जिला मुख्यालय अल्मोड़ा नगर में कोसी नदी से पंपिंग द्वारा की जाने वाली पानी की आपूर्ति ठप्प पड़ जाती है,अन्यथा उपभोक्ताओं को मटमेला गंदा पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है।

सन् 1568 में चंद राजाओं द्वारा बसा अल्मोड़ा नगर चंद राजाओं की राजधानी रहा,जो कालांतर में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी भूमिका, के साथ साथ शिक्षा, कला और संस्कृति में अपनी विशेष पहचान के लिए भी जाना जाता है। इसकी बसासत कोसी और सुयाल नदी के बीच की पहाड़ी में है जो समुद्रतल से 5417 फिट की ऊंचाई पर है। 2001 की जनगणना के आधार पर लगभग 61,000 की आबादी वाला ये नगर आज भी गर्मी व बरसात में पानी की कमी से जूझ रहा है।

अल्मोड़ा नगर में पानी की आपूर्ति का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है कोसी नदी। ये गैर हिमालयी नदी ही नगर की पूरी आबादी को पानी की आपूर्ति करती रही है। हालांकि कुछ आपूर्ति पूर्व से सितलाखेत की पहाड़ी से भी होती है।लेकिन यदि एक दिन भी तेज बारिश हो जाये तो नगर के लोगों को पानी की क़िल्लत का सामना करना पड़ता है ।

कोसी नदी पर बैराज बनने के बाद जहां पानी की आपूर्ति जलसंस्थान द्वारा की जाती है जिसमें 5 स्थाई पम्प ऑपरेटर है। वहीं पूरी योजनाओं में लगभग 25 कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। वहीं साफ सफाई का जिम्मा सिचाईं विभाग के पास है। जिसमे भी ज्यादातर लोग कॉन्ट्रैक्ट पर ही है।

बारिश के बाद नदी में गाद भर जाने के कारण पानी पंप नहीं हो पाता जैसा जलसंस्थान के अधिकारियों द्वारा बताया जाता है,जबकि सिचाईं विभाग का कहना है, कि पानी पंप होता है लेकिन बारिश के गंदे पानी की सफाई की उचित व्यवस्था न होने के कारण समस्या आती है। इस समस्या के हल के लिए बैराज बनने के कई वर्षों बाद पानी की सफाई व नए टैंक का निर्माण किया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि यदि सबकुछ सामान्य रहा तो अगले 5- 6 महीने में इस समस्या का समाधान होने की पूरी संभावना है।

फिलहाल शासन, विभागों की सुस्त गति के चलते व आपसी सामंजस्य के अभाव में जनता को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ रहा है।चूंकि अब मानसून अपने चरम पर होगा तो ऐसै में एक बार फिर से अल्मोड़ा शहर वासियों के लिए पानी की बूंद बूंद के लिए तरसने की संभावना की आशंकाएं जोर पकड़ रही है।

रिपोर्ट – दिनेश पांडे