न्यूज डेस्क / देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने आज दिल्ली में उत्तराखंड सदन में पत्रकारों से बात करते हुए ऐलान किया है कि 14 जुलाई को देहरादून के राज भवन पर आंदोलनकारियों द्वारा किए गए राजभवन घेराव को लेकर, राज्य सरकार द्वारा आंदोलनकारियों पर किए गए मुकदमों के विरोध में राज्य भर के तमाम उत्तराखंड आंदोलनकारी 18 ,19, 20 जुलाई को राज्य के सभी 13 जिलों में उत्तराखंड सरकार का पुतला जलाएंगे।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा की उत्तराखंड का गठन राज्य आंदोलनकारियों की बदौलत हुआ है यह बड़े खेद का विषय है कि राज्य सरकार ने विपक्षी दलों को तो निशाना बनाया हुआ है अब राज्य आंदोलनकारियों को निशाना बनाया जा रहा है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा सरकार को चाहिए तो यह था कि वह राज्य आंदोलनकारियों के 10% आरक्षण को लागू करती, राज्यपाल द्वारा 10% आरक्षण के दबल पर दस्तखत कती, आंदोलनकारियों को और उनके परिजनों को उचित पेंशन देती, दिल्ली और देश के हजारों अचयनित आंदोलनकारियों को चिन्हित करती, परंतु इसकी बजाय उन पर मुकदमे लगाए जा रहे हैं।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा आंदोलनकारी इस मामले पर चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की है और उनका रुख सकारात्मक है। परन्तु त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत की तर्ज पर विपक्षी दलों और गांधीवादी आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज किया जाना और भाजपा की रैली में भारी भीड़ को कोविद मुकदमों से बचाए रखना एक तरह से दोहरा मापदंड है जिसका आंदोलनकारी कड़ा विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कल राज्य आंदोलनकारियों की देहरादून शहीद स्मारक पर बैठक हो रही है जिसमें वह भाग लेने जाएंगे और उनकी देखरेख में ही राज्य सरकार का पहला पुतला कल देहरादून में दहन किया जाएगा।