न्यूज डेस्क / देहरादून। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन, नेपाल में 900 मेगावाट अरुण-3 जल विधुत परियोजना के आधिकारिक दौरे पर हैं। इस दौरान शर्मा ने नेपाल के प्रधानमंत्री, के.पी. शर्मा ओली एवं उप प्रधानमंत्री बिष्णु प्रसाद पौडेल से आज काठमांडू में भेंट की।
नन्द लाल शर्मा ने प्रधानमंत्री तथा उप प्रधानमंत्री को 900 मेगावाट की अरुण-3 जल विधुत परियोजना की प्रगति के संबंध में अवगत करवाया । उन्होंने एसजेवीएन को 679 मेगावाट लोअर अरुण-3 जल विधुत परियोजना आबंटित करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि जल विधुत क्षेत्र के लिए एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण सबसे अच्छा विकल्प है। क्योंकि यह आर्थिक व्यवहार्यता में परिणाम देता है तथा ढांचागत विकास को बढ़ावा देता है। एकीकृत नदी बेसिन विकास के परिणामस्वरूप संसाधनों का इष्टतम उपयोग होता है जिससे कम लागत पर तेजी से परियोजनाएं पूरी होंगी। इससे क्षेत्र के समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा । उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वे अरुण बेसिन तथा नेपाल में अन्य स्थानों पर जल विधुत परियोजनाओं को एसजेवीएन को आबंटित करने पर विचार करें।
नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एसजेवीएन अरुण-3 पावर डेवलपमेंट कंपनी (एसएपीडीसी) नेपाल में 900 मेगावाट अरुण-3 जल विधुत परियोजना निष्पादित कर रही है। भारत के प्रधानमंत्री तथा नेपाल के माननीय प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूप से एसजेवीएन की 900 मेगावाट अरुण -3 जल विधुत परियोजना की आधारशीला रखी। कुल परियोजना लागत 7000 करोड़ भारतीय रुपए (11,200 करोड़ नेपाली रुपए) होने का अनुमान है, जिसमें उत्पादन एवं पारेषण दोनों भाग शामिल हैं। उन्होंने आगे बताया कि परियोजना के निर्माण के दौरान लगभग 3500 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा जिसमें परियोजना के ट्रांसमिशन घटक भी शामिल है।
अरुण-3 जल विधुत परियोजना (900 मेगावाट) पूर्वी नेपाल के सांखुवासभा जिले में अरुण नदी पर स्थित है। रन-ऑफ-रिवर योजना में 70 मी. ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी बांध तथा 11.74 कि.मी. की हेड रेस टनल (एचआरटी) की परिकल्पना की गई है, जिसमें भूमिगत पावर हाउस के साथ 225 मेगावाट की चार उत्पादन इकाइयां शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने परियोजना स्थलों पर चल रही गतिविधियों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया तथा अरुण -3 जल विधुत परियोजना के परियोजना स्थलों का दौरा करने में गहरी रुचि प्रकट की।
एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है तथा 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट एवं 2040 तक 25000 मेगावाट कंपनी बनने का लक्ष्य है। एसजेवीएन की विधुत उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज है, जिसमें जल विधुत, पवन, सौर तथा ताप विद्युत शामिल हैं। कंपनी की मौजूदगी ऊर्जा ट्रांसमिशन के क्षेत्र में भी है।