स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली। ग्राम प्रधानों के संघठन ने अपनी 12 सूत्रीय मांगों पर सरकार द्वारा अनदेखी किए पर ब्लाक मुख्यालय के दफ्तरों पर ताले जड़ कर धरना प्रारंभ कर दिया है।
प्रदेश प्रधान संगठन के आह्वान पर जिलेभर के प्रधान संगठनों ने आज अपने 12 सूत्रीय मांगों के मांग के निराकरण हेतु मुख्यमंत्री से फिर गुहार लगाई है,और पूर्व चेतावनी के अनुसार आज विकास खंड मुख्यालयों के दफ्तरों पर ताले झड़ कर वहीं धरने पर बैठ गए। प्रधान संगठन के ज्ञापन में कहा गया है कि सीएससी को ग्राम पंचायतों से 2500 रुपया प्रतिमाह दिए जाने के आदेश को अविलंब वापस लिया जाना चाहिए।
कह गया है कि ग्राम पंचायतें अपने काम करने में सक्षम हैं इसलिए सरकार को अपनी हठधर्मिता को छोड़कर ग्राम पंचायतों को स्वतंत्र काम करने देना चाहिए। कहां गया है कि 15 वें वित्त की धनराशि में कटौती पर रोक लगाई जाए और पहले की भांति 15वें में कंटेनजेंसी की राशि को 10 प्रतिशत रखी जानी चाहिए,साथ ही मांग की गई है कि ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 रूपया से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने के साथ ही सेवाकाल समाप्त होने के बाद 5 हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन दिए जाने का आग्रह भी किया गया है।
वहीं कोरोना काल में बर्बाद हुए पंचायतों के विकास के अवरुद्ध हुए कार्यकाल को दो साल आगे बढ़ाने की अपील की गई है। प्रधानों ने कहा कि पिछले साल से वे अपने अधिकारों के लिए आंदोलनरत हैं परन्तु सरकार द्वारा उनकी मांगों का निस्तारण नहीं किया गया।
इसलिए संगठन प्रदेशभर में पहली जुलाई से धरना प्रदर्शन करने के लिए विवश हो गया है।कहा कि यदि अब भी सरकार चेती नहीं तो कार्यबहिष्कार के साथ ही अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी जायेंगी।
इस अवसर पर प्रधान संगठन के अध्यक्ष भगवती सती, उपाध्यक्ष महेश कुमार, किशोरी मनोडी, मृत्युंजय परिहार, नरेंद्र भंडारी,गुड्डी नेगी,रेनू नेगी,देवेश लाल, धर्मसिंह जग्गी, देवेंद्र सिंह,संगीता देवी, बीना देवी,ब्रह्मानंद, आदि बड़ी संख्या में मौजूद थे।
रिपोर्ट- सुरेन्द्र धनेत्रा