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जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल ने वर्चुअल माध्यम से राजस्व विभाग के साथ मासिक समीक्षा बैठक की

स्थानीय संवाददाता / पौड़ी गढ़वाल। जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदण्डे ने आज अपने कार्यालय कक्ष पौड़ी में वर्चुअल माध्यम से राजस्व विभाग की मासिक समीक्षा बैठक ली। उन्होंने क्रमवार तहसीलों की कार्य प्रगति की समीक्षा करते हुए तहसीलों में लंबित वादों की समीक्षा के दौरान सख्त निर्देश देते हुए कहा कि निश्चित समय के भीतर वादों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। कहा कि न्याययिक प्रक्रिया में अधिक समय न लें एवं मामलों को गंभीरता से निस्तारित करना सुनिश्चित करें, ताकि आवेदकों की न्याययिक प्रक्रिया में विश्वसनीयता बनी रहे।

जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों और तहसीलदारों को निर्देशित किया कि कोविड-19 गाइडलाइन के अनुरूप अपने-अपने न्यायालयों में न्याययिक प्रकिया प्रारंभ कर वादों का निस्तारण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने नायब तहसीलदार पौड़ी, यमकेश्वर एवं कोटद्वार के द्वारा अधिक लंबित प्रकरणों को लेकर उनका स्पष्टीकरण तलब किया गया। जबकि आबकारी विभाग की समीक्षा के दौरान यमकेश्वर एवं थलीसैंण में छापामारी अभियान की कार्य प्रगति कम होने पर आबकारी निरीक्षक यमकेश्वर और थलीसैंण का स्पष्टीकरण तलब किया गया।

जिलाधिकारी डॉ. जोगदण्डे ने विभागों की समीक्षा के दौरान विभागों की कार्य प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने रजिस्ट्री मामलों की कार्य प्रगति को लेकर सब रजिस्ट्रार कोटद्वार, लैंसडाउन एवं श्रीनगर से जानकारी लेते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारी तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को निर्देशित किया कि अवैध मादक पदार्थ एवं अन्य अवैध कार्यों को लेकर अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत संयुक्त रूप से गश्त व छापामारी अभियान को बढ़ाना सुनिश्चित करें। विभिन्न वादों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने धारा 154 के मामलों को एक सप्ताह के भीतर निस्तारण करने के निर्देश दिए।

वन भूमि हस्तांतरण मामलों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारियों एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत क्षतिपूरक वृक्षारोपण हेतु भूमि को शीघ्र चिन्ह्ति करना सुनिश्चित करें। कहा कि सिविल वन भूमि को भी राष्ट्रीय परियोजना के लिए क्षतिपूरक हेतु चयन कर सकते हैं। उन्होंने भूमि हस्तांतरण मामलों को लेकर संबंधित उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर कार्यों में तेजी लाए।

जिलाधिकारी ने भू स्वामित्व योजना के तहत प्रस्तावित 15 अगस्त, 2021 को आयोजित भू स्वामित्व कार्ड वितरण कार्यक्रम को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने स्वामित्व योजना से संबंधित अधिकारियों से नक्शों, जारी नोटिस, आपत्तियों का निस्तारण, लम्बित मामले आदि की जानकारी ली। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जुलाई के अंत तक सभी नक्शों में आपत्तियों का निस्तारण कर लिया जाए तथा उसके पश्चात प्रकाशन के लिए नक्शों को भेजना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी ने प्रशासनिक मामलों, विभागीय कार्यवाही एवं मजिस्ट्रीयल जांच की भी समीक्षा की। संबंधित द्वारा अवगत कराया गया कि मजिस्ट्रेट जांच केवल इस माह की लंबित है जबकि विभागीय कार्यवाही में दो मामले लंबे समय से लंबित हैं जिसके निस्तारण के लिए उप जिलाधिकारी कोटद्वार के द्वारा एक सप्ताह का समय मांगा गया है। जिलाधिकारी ने जनपद में आपदा की स्थितियों की जानकारी भी ली। संबंधित द्वारा बताया गया कि जनपद के 129 संवेदनशील स्थानों का चयन किया जा चुका है तथा उन स्थानों पर लोक निर्माण विभाग व अन्य माध्यम से जेसीबी की व्यवस्था की जा रही है।

राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि कम कार्य प्रगति वाले अमीनों का अपने स्तर से स्पष्टीकरण तलब करना सुनिश्चित करें। उन्होंने जनपद में निर्माणाधीन, निर्माण कार्य पूर्ण एवं जिन पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है ऐसे पटवारी चौकीयों की कार्यप्रगति को लेकर समस्त उपजिलाधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये, ताकि शासन से कार्य पूर्ण करने हेतु धनराशि की मांग की जा सके। उन्होंने उपजिलाधिकारी यमकेश्वर को निर्देशित किया कि कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुपालन हेतु व्यापार मण्डल, टैक्सी यूनियन, आश्रम, होटल आदि के साथ बैठक कर क्षेत्र में सुगम व्यवस्था बनाना सुनिश्चित करें।

बैठक में अपर जिलाधिकारी डॉ. एस.के. बरनवाल, उपजिलाधिकारी एस एस राणा, योगेश मेहरा, अपर्णा ढौंडियाल, संदीप सिंह, रविन्द्र बिष्ट जिला पूर्ति अधिकारी के एस कोहली, आपदा अधिकारी दीपेश काला सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे।
रिपोर्ट– बीरेंद्र रावत।