न्यूज डेस्क / देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पत्रकार हित मे बड़ा निर्णय लेते हुए 18 दिवंगत पत्रकारगणों के आश्रितों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। इनमे से कुछ पत्रकारों की मृत्यु कोविड संक्रमण से हुई है।
मुख्यमंत्री रावत ने यह निर्णय पत्रकार कल्याण कोष के अन्तर्गत आपदाग्रस्त पत्रकारों एवं उनके आश्रितों को आर्थिक सहायता दिये जाने हेतु गठित समिति की संस्तुति पर लिया है। मुख्यमंत्री इस समिति के अध्यक्ष हैं। पत्रकार कल्याण कोष के गठन के उपरांत यह एक मुश्त सबसे बड़ी सहायता राशि 90 लाख रुपए है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार पत्रकार हितों के प्रति सदैव सजग रही है। राज्य सरकार कोविड काल मे दिवंगत हुए पत्रकारगणों के परिजनों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि पत्रकार कल्याण कोष से 18 दिवंगत पत्रकारगणों के आश्रितों को पांच- पांच लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। महानिदेशक सूचना को निर्देश दिए गए है कि जिन मामलों में आवेदन प्राप्त नहीं है या अभिलेख पूर्ण नही है, उनको भी आर्थिक सहायता दिए जाने हेतु सभी औपचारिकताएँ शीघ्र पूरी कर ली जाय।
महानिदेशक सूचना रणबीर सिंह चौहान ने बताया कि पत्रकार कल्याण कोष हेतु गठित समिति की बैठक विगत 01 जून 2021 को आहूत की गई थी, जिस पर आज मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। महानिदेशक ने बताया कि समिति के समक्ष राज्यभर से 18 प्रस्ताव आये थे, जिन्हें आर्थिक सहायता दिये जाने की संस्तुति समिति द्वारा की गई है। समिति के सम्मुख 08 प्रस्ताव ऐसे भी आये थे, जिनके अभिलेख पूर्ण नही पाये गये।
इसके लिए सभी जिला सूचना अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि अपूर्ण आवेदन पत्रों को पूर्ण करते हुए 15 दिनों में मुख्यालय को प्रेषित करे, ताकि अगली बैठक में आर्थिक सहायता दिये जाने पर विचार किया जा सके। महानिदेशक सूचना ने बताया कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर पत्रकारों के हित में कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इस बैठक में गैर सरकारी सदस्यगण भी उपस्थित थे, जिनकी सहमति से आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई है।
बैठक में गैर सरकारी सदस्य के रूप में पत्रकार संगठनों के प्रतिनिधि बीना उपाध्याय, योगेश भट्ट, त्रिलोक चन्द्र भट्ट उपस्थित थे, जबकि रमेश पहाड़ी द्वारा वर्चुअल, दूरभाष के माध्यम से बैठक में प्रतिभाग किया गया। इस अवसर पर अपर निदेशक डॉ. अनिल चन्दोला, उप निदेशक नितिन उपाध्याय आदि उपस्थित थे।