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धधक रही उत्तराखंड की धरती और सरकार चली दिल्ली से हेलीकॉप्टर लाने – मोहन ढौडियाल

न्यूज डेस्क / पौड़ी । उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी के मोहन ढौडियाल, संयोजक पौड़ी ने जंगल में लगी आग पर दुख वयक्त करते हुए का ‘जिला पौड़ी गढ़वाल के जंगलों की स्थिति बड़ी भयंकर हो चुकी हैं हर साल जंगलों में आग लगा दी जाती है और कभी कभी खद भी लग जाती है प्रकृति के भी कुछ नियम कायदे के हिसाब से। इस आग कि वजह से जंगल की संपदा से लेकर जनजीवन एवं जीव जंतुओं को भी खतरा पैदा हो जाता है।

इस आग से वन के जीव जंतुओं की असमय हत्या तो हो ही रही है साथ ही जीवजंतु शहर की ओर जान बचाने के लिए पलायन करने का भी प्रयास करते है। जिसके कारण जंगली जीव मानव क्षति के साथ साथ पशुओं को भी क्षति पहुंचा रहे है। इस अपदा से पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है।

इस वक्त पहाडो़ में मनुष्यों के साथ साथ जंगली जानवरो को भी सांस लेने में भी बड़ी कठिनाई पैदा हो रही है। यह बहुत ही दुख कि बात है कि हमारा उत्तराखंड गंगा, यमुना नदी का उदगम होने के बावजुद इस आग को बुझाने में असमर्थ है और अन्य राज्यों कि ओर मुख देख रहे है और रिमोट कंट्रोल वाली सरकार दिल्ली देहरादून कर रही है।’

वही उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी के अध्यक्ष संजय कुण्डलिया ने राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया है कि राज्य सरकार उत्तराखंड का नेतृत्व करने में असफल है, यह रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार से कब तक हम उत्तराखंड के लोगों का शोषण होते देखेगें। जब राज्य सरकार के बस की कोई चीज नहीं होती है तो क्यों नेतृत्व करने के लिए राजनीतिक उठापटक करते रहते रहते है और उत्तराखंड के लोगों के भावनाओ से खेलते रहते है।

प्रदेश में चारों तरफ से जो आग लगी है, जिसमें जंगल, गांव और ना जाने कितने घर दहकते चले जा रहे हैं। राज्य सरकार को उत्तराखंड के अंदर कोई ऐसी व्यवस्था नहीं दिखाई दे रही तभी तो दिल्ली जाकर हेलीकॉप्टर की मांग कर रहे हैं और आग बुझाने की रणनीति बना रहे हैं। 20 सालों से उत्तराखंड के अंदर राष्ट्रीय पार्टी सरकार बना रही है और अभी तक कोई भी सरकार ऐसी व्यवस्था नहीं बना पाई जिससे उत्तराखंड के लोगों का मुसीबत कम किया जा सके।

उत्तराखंड की तरक्की, विकास एवं समस्याओं का समाधान सिर्फ और सिर्फ उत्तराखंड की क्षेत्रीय दल ही कर सकती है। यह रिमोट कंट्रोल से चलने वाली सरकार की बस की बात नहीं है कि उत्तराखंड के लोगों की भलाई के लिए काम करें। जब भी मुसीबत आएगी यह दिल्ली दौरे पर जाएंगे, और उत्तराखंड की जनता इनकी मुंह ताकती रह जाएगी।

अब वक्त आ गया है कि उत्तराखंड के लोगों को यह सोचना चाहिए कि यह राष्ट्रीय राजनीतिक दल सिर्फ और सिर्फ शोषण करेंगे, वोट लेने की राजनीति करेंगे, लेकिन उत्तराखंड के लोगो का विकास सिर्फ और सिर्फ उत्तराखंड के क्षेत्रीय दलों के हाथ ही होना है। यह आप सुनिश्चित करे।

अतः आप सभी से निवेदन है कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में आप सब एकजुट होकर अपने उत्तराखंड के क्षेत्रीय दल को बहुमत दें एवं उनकी सरकार बनाने में मदद करें और उनका नेतृत्व अपने हाथों में रखें।