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जन संवाद ( बात जन मन की )- पर्यावरण दिवस सिर्फ एक दिन के लिए नहीं बल्कि हर रोज के लिए होना चाहिए पर्यावरण की हम सब की है, प्रकृति की जिम्मेदारी हमारी है और हम सबको इस जिम्मेदारी के साथ ओर लोगों को भी जागरूक करना होगा।

पर्यावरण दिवस के मौके मौके पर जितेन्द्र सनातनी ने कहा कि अभी कॅरोना काल में ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे थे लोग और ना जाने कितने लोगों की जान चली गई ऑक्सीजन की कमी से ऐसा मंजर दोबारा ना आए हमें प्रकृति को संभाल कर रखना है, हर किसी को संभाल के रखने की जिम्मेदारी हमारी है।

हम सब अगर सही तरीके से सही जिम्मेदारी से प्रकृति का ध्यान रखेंगे तो प्रकृति हमारा ध्यान रखेगी ,मैं फिर से कहूंगा कि सिर्फ 1 दिन के लिए पर्यावरण दिवस ना मनाएं हर रोज हर वक्त पर्यावरण दिवस मनाए पर्यावरण के प्रति जागरूक हो पर्यावरण के लिए शुद्ध करने के लिए काम करें साइकिल का उपयोग करें ।

अगर आपको थोड़ी दूरी के लिए जाना है तो साइकिल का उपयोग करें कार मोटर साइकिल जितना कम हो सके उतना कम चलाएं मैं ऐसे लोगों से भी कहना चाहूंगा कि जो दिन रात अपने घरों में ऐसी का इस्तेमाल करते हैं वह भी कम इस्तेमाल करें, अगर आज यह समस्याएं आ रही हैं तो इन सब के जिम्मेदार हम और आप भी है ।

यह समय है चीजों को करने का सही तरीके से चीजों को करने का आज अगर हम सभी पर्यावरण का ध्यान रखेंगे और प्रकृति का ध्यान रखेंगे पेड़ लगाएंगे उनकी उनकी देखरेख करेंगे तो कल को प्रकृति हमारा भी ध्यान रखेगी जो पेड़ आज हम लगाएंगे वह पेड़ हमारे काम में हमेशा आएंगे, उनकी देखभाल करना हमारी ही जिम्मेदारी है।

हमें दर दर की ठोकर ओर ऑक्सीजन के सिलेंडर अपनी कमर के पीछे बांधकर नहीं चलना होगा, एक व्यक्ति कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएं और उसकी देखरेख करें जो लगा सकते हैं । ज्यादा लगाएं जो चीजों कर सकते हैं बेहतर तरीके से करें अपने स्तर से जितना ज्यादा हो सके पेड़ लगाएं उनकी देखरेख करें, कोशिश करें कि पर्यावरण के प्रति हम सभी जागरूक रहें एक दूसरे को जागरूक करें कि मेरी छोटी सी कोशिश है आप सभी तक अपने एक संदेश पहुंचाने की कि हम चाहें तो सब कुछ कर सकते हैं।

हम मेरा खास संदेश जो है युवाओं के लिए है कि युवा देश की रीड है, युवा जितनी मेहनत करता है शायद कोई करता होगा मैं युवाओं से आवाहन करूंगा कि अपने अपने क्षेत्र में और लोगों को भी जागरूक करें । दूसरों से पेड़ लगवाने को कहें मोटरसाइकिल का कम इस्तेमाल करें कार का कम इस्तेमाल करें साइकिल का ज्यादा इस्तेमाल करें हो सके तो एक 2 किलोमीटर पैदल चले हो सके अपने पास पड़ोस में यह देखें कि कोई पेड़ तो नहीं सूख रहा है।

इन सब चीजों का छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखें और कुछ सालों बाद आप पाएंगे कि हम वाकई में बढ़िया काम कर रहे हैं हमने वाकई में प्रकृति को सम्मान दिया है तो किसी को भी आक्सीजन की कमी से मरते हुए नहीं देख पाएंगे।

अगर सब कुछ ऐसे ही किया तो आने वाली पीढ़ी को बहुत दुख झेलने पढ़ेंगे, आशा है कि आप सब इस ओर ध्यान देंगे और प्रकृति को सुरक्षित रखने का कार्य करेंगे।

जितेन्द्र सनातनी
राष्ट्रीय महासचिव – राष्ट्रीय युवा क्रांति मोर्चा

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