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स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली। पिछले छ:दिनों से अंधेरे में डुबा हुआ है पिण्डरघाटी। तीन चार दिनों बाद ही विद्युत आपूर्ति बहाल हो पाने के आसार हैं। बिजली के नहीं रहने से लोगों की संचार माध्यम एवं सरकारी कामकाज भी ठप्प पड़ गए हैं।

 

बीते सप्ताह बृहस्पतिवार रात्रि से क्षेत्र में हुई लगातार भारी बारिश से जहां राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्रामीण सड़कों के ध्वस्त होने के बाद लोगों की आवाजाही अस्त व्यस्त है तो वहीं पिछले शुक्रवार से पूरी पिण्डरघाटी अंधेरे में डूबी हुई है।

भारी बारिश,तेज आंधी और लैंड स्लाइडिंग की वजहों से पेडों के गिरने से बिजली के पोल व तार नष्ट हो कर रह गए थे।आतिवृष्टि होने के चलते विद्युत विभाग के कर्मचारियों को काम करना आसान भी नहीं था।

सोमवार से मौसम खुलने के बाद से ही विद्युत विभाग के कर्मी युद्धस्तर पर अस्त व्यस्त पड़ी विद्युत लाइनों और पोलों को ठीक करने पर लगे हुए हैं। संभावना जताई जा रही है कि मंगलवार देर शाम तक 33 केवी की लाइन से यहां पंती में स्थित विद्युत सब स्टेशन तक विद्युत आपूर्ति पहुच जायेगी। किंतु 11 केवी की सभी लाइनें बहुत ही खराब हालत में होने के चलते दो से चार दिन लग सकते हैं।

इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों की विद्युत आपूर्ति की तो स्तिथि को बहाल होने में और कुछ दिन लग सकते हैं। क्योंकि अधिकांश बिजली के खंबे बह चुके हैं और रास्ते और सड़के के भी फिलहाल खुलने में समय लगने वाला है तो ऐसे में बिजली के तार,खंबे आदि जरूरी सामान लाना, ले जाना बहुत ही मुश्किलों भरा है।

उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन के कनिष्ठ अभियंता गजपाल सिंह रावत ने बताया कि हमारे सभी लोग जोरशोर से विद्युत आपूर्ति को बहाल करने में जुटे हुए हैं।

परंतु जगह जगह सडकें और रास्ते खराब होने के कारण दिक्कतें आ रही हैं,कहा कि इसके बावजूद जल्दी ही विद्युत आपूर्ति को बहाल किया जायेगा।

रिपोर्ट- सुरेन्द्र धनेत्रा

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