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न्यूज डेस्क / देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने चमोली में आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार पर सवालिया निशान लगाए हैं। रावत ने संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री द्वारा किए जा रहे लोकार्पण और उद्घाटन के कार्यक्रमों पर भी तंज कसा। पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट डालने हुए लिखा है कि कि मुख्यमंत्री जी, इस आपदा व रेस्क्यू ऑपरेशन में आप समस्त राज्य के नेता हैं।

क्या आपके मन में यह सवाल नहीं उठ रहा है कि सारी आधुनिकतम तकनीक और केंद्रीय मदद उपलब्ध होने के बावजूद भी आज भी हम टनल के अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पाये हैं। हम टनल में ऑक्सीजन पंप नहीं कर पाए हैं और दूसरे ऐसे उपाय नहीं कर पाये हैं जिससे टनल में फंसे हुये लोगों के जीवित बचने की संभावना बढ़ जाय।

उन्होंने आगे लिखा कि प्रभावित परिवारों व क्षेत्रों तक खाद्य सामग्री आदि पहुंचाने के लिए क्या किसी तकनीक की आवश्यकता है? जो दुखी परिवार अपने प्रियजनों को खोजने के लिए आ रहे हैं, उनके आंसू पोछने का दायित्व भी तो हमारा ही है न। कोई सूचना तंत्र वहां विद्यमान नहीं है। उन्होंने आगे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर तंज कसते हुए लिखा कि आप शिलापट्ट दर शिलापट्ट का लोकार्पण कर रहे हैं। आपदा की इस घड़ी में हम बचाव कैसे कर रहे हैं, कैसा समन्वय रख रहे हैं।

सूचना तंत्र हमारा कितना प्रभावी है। लोगों तक सहायता पहुंचाने में हम कितने तत्पर हैं। हरीश रावत ने कहा कि मैं इस तथ्य के बावजूद कि हमने ग्लेशियर के स्वभाव को समझने में चूक की। मैं इस आपदा के लिए किसी को दोष देने के बजाय आगे की तरफ देखना चाहूंगा और हम कोई गहरी सीख ले सकें। यह हम सबका सामूहिक कर्तव्य है। मुख्यमंत्री के नाते इस दिशा में भी आपको ही पहल करनी होगी। टनल में कार्यरत उपकरणों को लेकर अपने मन की आशंका मैंने तपोवन मे ही मुख्य सचिव को बता दी थी।

गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदी में पानी का जलजला आने से रैणी गांव में ऋषिगंगा नदी पर हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का डैम धावस्त हो गया था। इसने भारी तबाही मचाई और पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित धौलीगंगा नदी में एनटीपीसी के बांध को भी चपेट में ले लिया था।

चमोली उत्तराखंड के चमोली में आपदा में लापता लोगों की तलाश का काम पांचवे दिन भी जारी है। अब तक कुल 34 शव बरामद कर लिए गए हैं। वहीं, राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से बताया जा रहा है कि आपदा में कुल 204 लोग लापता हुए थे। इनमें 34 शव बरामद कर लिए गए हैं। 10 की शिनाख्त की जा चुकी है। 24 शवों की शिनाख्त बाकी हैं, अभी 170 लोग लापता हैं।

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