न्यूज डेस्क / देहरादून। प्रदेश की आधी आबादी के सशक्तिकरण को लेकर संवेदनशील मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने महिलाओं से किये अपने हर वादे को बीते चार साल में जमीन पर उतारा है। कुपोषण के खिलाफ जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी ‘‘पीएम मातृत्व वंदना योजना’’ को उत्तराखंड में लागू कर मुख्यमंत्री रावत ने प्रदेश की महिलाएं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का काम किया है।
प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने और उन्हें हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीएम रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार काम कर रही है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित योजना से गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली आर्थिक मदद से महिलाएं गर्भावस्था खुद के साथ-साथ अपने नवजात की भी देखभाल करने में सक्षम हुई हैं। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य लाभ के लिए योजना चलायी जा रही है।
- सीएम रावत के नेतृत्व में राज्य की सरकार महिलाओं के लिए कर रही काम
सरकार की ओर से योजना के तहत महिलाओं को पहले छह महीनों तक के लिए प्रारंभिक एवं विशेष स्तनपान और पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर तरीके से स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। योजना के तहत गर्भधारण के समय महिलाओं को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जिससे नियमित रूप से जच्चा-बच्चा की जांच हो सके। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) चलायी गयी है।
- योजना के तहत महिलाओं को सरकार की ओर से दिए जाते हैं पांच हजार रुपये
इस योजना को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित किया जाता है। यह योजना देश के विभिन्न राज्यों में भी लागू है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना है। जिससे वह खुद के साथ-साथ अपने नवजात की भी देखभाल कर सकें। योजना के तहत गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिला व माताओं को 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह सहायता राशि सीधे उनके खाते में जाती है। इस योजना का लाभ लेने के लिए महिलाएं आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं। स्वास्थ्य सुविधा केंद्रों पर भी इस योजना के लिए पंजीकरण कराया जा सकता है।