खबर सुने

न्यूज डेस्क / देहरादून। उत्तराखण्ड  प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अन्तर्गत प्रधानमंत्री सुक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक की। आत्म निर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत, खा0प्र0उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा केन्द्र पोषित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना प्रारम्भ की गई है, जिसका क्रियान्वयन केन्द्र एवं राज्य के मध्य 90ः10 के अनुपात में वित्तीय वहन किया जायेगा। योजना का उददेश्य कृषको की आय बढाना और उद्यमी के रूप में स्थापित करना है।

बैठक में मंत्री सुबोध उनियाल को जानकारी देते हुए बताया गया प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाध उघोग उन्नयन योजना के तहत मजबूत परियोजना प्रबन्धन फ्रेमवर्क की स्थापना की जायेगी।  योजना के तहत पात्रता मापदण्ड, समूह श्रेणी हेतु सहायता, काॅमन इन्फ्रस्ट्रक्चर, ब्राडिंग एवं विपणन, अनुदान हेतु बैंक के साथ समन्वय विषय पर भी विस्तार से समीक्षा की गई। प्रोसेसिंग, मार्केटिंग, ब्रेंडिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिये योजना बनाई जाएगी।

बैठक में बताया गया कि योजना के अन्तर्गत उन्नयन हेतु विद्यमान असंगठित खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम रू0 10.00 लाख तक की क्रेडिट-लिंक्ड राज सहायता प्रदान की जायेगी। अर्थात अधिकतम 10 लाख तक की सब्सीडी दी जायेगी। लाभार्थी का अंश कुल प्रस्ताव की धनराशि का न्यूनतम 10ः होना चाहिये व अवशेष धनराशि बैंक ऋण के रूप में होगी। रू0 10.00 लाख से अधिक के अनुदान हेतु कोई भी प्रस्ताव आता है तब इसके अनुमोदन हेतु खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा जायेगा। इसके बाद ही 10 लाख से अधिक अनुदान मिल सकेगा। पूर्व से कार्यरत ओ0डी0ओ0पी0 आधारित सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो को वरियता दी जायेगी।

इस योजना के अन्तर्गत तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण तथा हैंड-होल्डिंग सहायता सेवाओं के माध्यम से उद्यमियों की क्षमता निर्माण कराना है। इसके अलावा प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिये मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को ऋण दिलाना है। सूक्ष्म उद्योगों को साझा सेवाओं का लाभ देने हेतु कृषक उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.), स्वयं सहायता समूहों (एस.एच.जी.), उत्पादक सहकारिताओं तथा सहकारी समितियों को उनकी सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला में सहायता करना है।

योजना के अन्तर्गत एक जिला एक उत्पाद  के चयन से कृषि उत्पादों की खरीद, साझा सेवाओं का लाभ लेने तथा उत्पादों के विपणन को बढ़ावा देना है। इसके साथ ही दृष्टिकोण वैल्यू चैन व बुनियादी ढाॅचे के विकास के लिये रूप रेखा प्रदान करेगा। योजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तर पर निदेशक, उद्यान को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। इस अवसर पर निदेशक, राम बिलास यादव सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

Previous articleउत्तराखण्ड के प्रथम बाल मित्र पुलिस थाने का मुख्यमंत्री ने किया शुभारम्भ
Next articleपर्यटन विभाग द्वारा ट्रैकिंग ट्रक्शन सेन्टर होम-स्टे योजना में चयनित व्यक्तियों को जल्द मिलेगा लाभ

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here