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स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली । कर्णप्रयाग-ग्वालदम-बैजनाथ-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर मींगगधेरा के समीप बन रहा बाईपास मोटर पुल के कारण क्षेत्र के पिण्डर नदी पर शमशान घाट का रास्ता ध्वस्त होने से लोगों को अन्त्येष्टि के लिए शवयात्रा लें जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पिछले कुछ सालों से पिण्डरघाटी में सिमली से सीमांत क्षेत्र होने के कारण ग्वालदम तक कर्णप्रयाग-ग्वालदम-बैजनाथ-अल्मोड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौड़ीकरण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।

इस कार्य में मींगगधेरा के समीप बाईपास पुल का निर्माण किया जा रहा है। जिस कारण पिण्डर नदी के किनारे क्षेत्र वासियों के पैतृक शमशान घाट जाने के रास्ते ध्वस्त हो गए हैं। गौरतलब है कि इस पुल के बीच में मीगगधेरा का बड़ा नाला है और इसके दोनों ओर पिण्डर नदी पर क्षेत्र के लगभग 50 गांवों का पैतृक शमशान घाट है। हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार शमशान घाट बदले नहीं जाते हैं। मंगलवार को इस शमशान घाट पर तीन दिवंगतों की शवयात्रा में लोगों को भारी मुश्किल से घाट तक पहुंचना पड़ा था।

आजकल बरसात का सीजन चल रहा है तो पुल के नीचे वाला गधेरा भी उफान पर रहता है। दूसरे छोर का रास्ता अपनाने पर गधेरे में लोगों के बहने की आशंकाएं बनी हुई हैं। जिसके कारण लोगों को शवयात्रा लें जाने में बहुत दिक्कत आ रही है। पुल का काम देख रहे बी ० आर० ओ ० के कनिष्ठ अभियंता एस के पटेल से इस संबंध में बात करने पर उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हमने लोगों की समस्या को महसूस किया है और जल्दी ही पिण्डर नदी के लिए रास्ता बना दिया जायेगा। जिससे लोगों को कोई परेशानी नहीं हो।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा

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