न्यूज डेस्क / देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय मे केदारनाथ एवं बदरीनाथ के पुनर्निमाण कार्यों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के साथ ही गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाय। बर्फवारी के कारण जो कार्य बाधित हुए उन कार्यों में तेजी लाई जाय। केदारनाथ एवं बदरीनाथ के कपाट खुलने से पूर्व श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत महत्वपूर्ण प्रकृति के सभी कार्य पूर्ण किये जाए।
इस अवसर पर उन्होंने अधिकारियों से निर्माण कार्यों की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत बैठने, पेयजल एवं शेड की भी उचित व्यवस्था हो। जन सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए मन्दिर के आस-पास सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जाय।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने जानकारी दी कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में प्रथम चरण में मंडप से संबधित कार्य 85 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। 15 अप्रैल तक यह कार्य पूर्ण हो जायेगा। मंदाकिनी पर बन रहे 60 मीटर स्पान ब्रिज का कार्य यात्रा प्रारम्भ होने से पूर्व पूर्ण हो जायेगा। केदारनाथ में तीन गुफाओं एवं सरस्वती घाट का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। शंकराचार्य समाधि का कार्य जल्द पूर्ण हो जायेगा। शंकराचार्य की मूर्ति बनकर तैयार हो गई है। अधिकांश फैमली ब्लाॅक बनकर तैयार हैं। इनका आवंटन जल्द किया जायेगा। केदारनाथ में लगभग 180 करोड़ रूपये के कार्य पूर्णता की ओर हैं।
केदारनाथ पुनर्निमाण कार्यों के द्धितीय चरण में 128 करोड़ रूपये के कार्य भी जल्द शुरू किये जायेंगे। बैठक में जानकारी दी गई कि बदरीनाथ में प्रथम चरण में 245 करोड़ रूपये के कार्यों का प्लान तैयार हो चुका है। यात्रा सीजन को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण प्रकृति के कार्यों को पहले प्राथमिकता दी जायेगी।
बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन अपर सचिव आशीष चौहान, आर. राजेश कुमार एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।