न्यूज डेस्क / देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मिंयावाला में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 50 करोड़ रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं को लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 18 मार्च को राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण हो जायेंगे।
प्रदेश की जनता से जो वायदे किये गये, राज्य सरकार उन वायदों को पूरा कर रही है। जनता की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है।
2017 में जो विजन डोक्यूमेंट बनाया था, उसमें से 85 प्रतिशत से अधिक कार्य कर चुके हैं। जो घोषणाएं की गई हैं, उनकी नियमित समीक्षा भी की जा रही है। अधिकांश घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं। सड़कों के विकास में विशेष ध्यान दिया गया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत पिछले 17 साल में जितनी सड़के बनी लगभग उतनी सड़के पिछले 03 साल और दस माह में राज्य में बनाई गई। इस अवधि में 11 हजार किमी सड़कें बनाई गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में 06 लाख पानी के कनेक्शन दिये जा चुके हैं। इसके लिए पहले 2360 रूपये में उपभोक्ता को पानी का कनेक्शन लेना पड़ता था। 2022 तक सबको पानी का कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी गरीबों को भी मात्र 100 रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जायेगा। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में भी जल जीवन मिशन शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में उनको अधिकार दिलाने का कार्य किया है। उत्तराखण्ड यह निर्णय लेने वाला देश का पहला राज्य है। यह सुधार आने वाले समय में समाज की दिशा और दशा को बदलेगा। महिलाओं को अब बैंक लोन लेने में परेशानी नहीं होगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि वर्ष 2008 में जब में प्रदेश का कृषि मंत्री था तब जनपद चमोली में मेरी मुलाकात विश्वेश्वरी देवी से हुई। उन्होंने मेरे समक्ष यह बात रखी थी कि पति की संपति में महिलाओं को बराबरी का अधिकार होना चाहिए। तब से मेरे जहन में यह बात थी।
जनधन खातों के माध्यम से लोगों को योजनाओं का सीधा लाभ दिया जा रहा है। राज्य में जल्द घसियारी कल्याण योजना लाई जा रही है। राज्य में हर वर्ष सैकड़ों महिलाओं की जंगल में घास लाने के दौरान अनेक कारणों से मौत हो जाती है। राज्य में इस तरह की कोई घटना न हो, इस योजना के लिए इस बार बजट में प्राविधान कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि संस्थागत सुधार की दिशा में भी राज्य सरकार प्रयासरत है। ई-कैबिनेट के लिए राज्य सरकार को अवार्ड मिला। ई-कैबिनेट से पर्यावरण संरक्षण एवं पेपरलेस कार्यप्रणाली की शुरूआत की गई है। आज राज्य में 150 ऑफिस ई-ऑफिस हो चुके हैं। ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण को भी ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। अटल उत्तराखण्ड आयुष्मान योजना के माध्यम से प्रत्येक परिवार को राज्य में 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा कवच दिया गया है। इस योजना से अनेक लोग लाभान्वित हुए हैं।
राज्य में शहीद सैनिकों एवं अर्द्धसैन्य बलों के शहीदों के आश्रितों को उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुसार राज्याधीन सेवाओं में सेवायोजित किया जा रहा है। देहरादून में पंचम धाम सैन्यधाम बनाया जा रहा है। राज्य में 90 प्रतिशत डिग्री कॉलेज के अपने भवन बन चुके हैं। जल्द ही शेष महाविद्यालयों के भवन भी बनाये जायेंगे। भवन के साथ ही महाविद्यालयों को कम्प्यूटर एवं वाई-फाई की सुविधा भी दी जा रही है। राज्य में 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास चल रही है। 600 और विद्यालयों में जल्द ही वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी।
इस वर्ष मार्च-अप्रैल तक सौंग बांध के शिलान्यास के प्रयास किये जा रहे हैं। शिलान्यास के बाद 15 माह में यह बांध बनकर तैयार हो जायेगा। रिस्पना के पुनर्जीवन के लिए प्रयास किये जा रहे है। हरेला पर्व पर 16 जुलाई को प्रदेश में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया जायेगा। 16 जुलाई को एक-एक वृक्षारोपण का सबको संकल्प लेना होगा।
इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, मेयर सुनील उनियाल गामा, राज्य मंत्री राजकुमार पुरोहित, राजपाल सिंह रावत, भाजपा के महानगर अध्यक्ष सीताराम भट्ट एवं स्थानीय जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।