न्यूज डेस्क / अल्मोड़ा। कोरोना के चलते लंबे समय से बंद पड़ा विश्व प्रसिद्ध जागेश्वर मंदिर को आज से आखिरकार श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिया गया है। कोरोनाकाल के चलते मंदिर के खुलने के बाद पहले दिन श्रद्धालुओं की भीड़ नदारद दिखी।
मंगलवार को विधिविधान और मंत्रोच्चारण के साथ मंदिर के पुजारियों द्वारा श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए मंदिर के कपाट खोले गए। बताते चलें कि पूर्व में इस समय यानि सावन महीने से पहले से ही यहाँ हज़ारों की संख्या में रोजाना श्रद्धालुओं की भीड़ दिखती थी। फिलहाल मंदिर में केवल दर्शन की ही अनुमति दी गई है।
पूजा व अन्य कर्मकांड ऑनलाइन तरीके से ही आयोजित किये जायेंगे। मंदिर समिति के प्रबंधक भगवान भट्ट ने बताया कि कोरोना का प्रकोप कम होने पर मंदिर समिति ने जिला प्रशासन से मंदिर खुलवाने की अनुमति मांगी गई थी। कोरोना के नियमो का पालन करते हुए प्रशासन द्वारा आज से मंदिर को खोलने की अनुमति दी गयी है।
मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का मुख्य प्रवेश द्वार पर आधार कार्ड के साथ पंजीकरण किया जाएगा, सैनेटाईज़ेशन की व्यवस्था की गयी है। किसी श्रद्धालु में यदि कोरोना के लक्षण जैसे सर्दी ,जुकाम व बुखार आदि के लक्षण पाए जाते हैं तो ऐसे व्यक्ति का प्रवेश परिवार के अन्य सदस्यों सहित रोक दिया जाएगा। तथा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचित किया जाएगा। मंदिर दर्शन सुबह 7 से शाम 6 बजे तक ही होंगे। इसके बाद किसी को भी मंदिर में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। मंदिर दर्शन के दौरान कोई भी पुजारी श्रद्धालु के संपर्क में नहीं रहेगा, मंदिर के अंदर जल चढ़ाना, टीका लगाना, घंटी बजाना, प्रसाद लेना और देना पूर्व की तरह प्रतिबंधित रहेगा। मंदिरों के गर्भ गृह मे प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा।
मंदिर के पुजारी तारा दत्त भट्ट ने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंग में से एक ज्योतिर्लिंग जागेश्वर मंदिर है। जिसकी काफी महत्ता है। गौरतलब है कि यहाँ 125 छोटे बड़े मंदिरो का समूह है। हर साल सावन के महीने श्रावणी का भव्य मेला लगता है। जिसमे देश विदेश से लाखो की तादाद में श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शनों को पहुचते है। सावन के महीने में यहाँ के दर्शनों का विशेष महत्व है। इस अवसर पर पुजारी तारादत्त भट्ट, कैलाश भट्ट सहित स्थानीय श्रद्धालुओं में खुशी की लहर देखी गई।
रिपोर्ट – दिनेश पांडे ।