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सिडबी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2020 की तुलना में वित्त वर्ष 2021 में 3.6 प्रतिशत बढ़ा

न्यूज डेस्क / देहरादून। सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के एकीकृत वित्तपोषण और विकासपरक सहायता का पारितंत्र बनाने में संलग्न एक अखिल भारतीय विकास वित्तीय संस्था, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की 23वीं वार्षिक आम बैठक में 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्त वर्ष के वित्तीय परिणाम घोषित किए गए।

वित्तीय वर्ष 2021 बनाम वित्तीय वर्ष 2020

  • वित्त वर्ष 2021 में वित्त वर्ष 2020 की तुलना में परिचालनगत लाभ (प्रावधान से पहले) रु. 4,063 करोड़ रहा इस प्रकार इसमें 8.0 प्रतिशत की वर्ष-प्रति-वर्ष वृद्धि दर्ज की गयी।
  • वित्त वर्ष 2021 में वित्त वर्ष 2020 की तुलना में निवल लाभ में 3.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई और यह वित्त वर्ष 2021 में बढ़ कर रु. 2,398 करोड़ हुआ जहां वित्त वर्ष 2020 में यह रु. 2,315 करोड़ था।
  • वित्त वर्ष 2021 में निवल ब्याज आय (एनआईआई) 11.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ रु.3678 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह रु.3299 करोड़ था।
  • वित्त वर्ष 2021 में गैर-ब्याज आय मामूली रूप से घटकर रु.944 करोड़ रुपए रही, जबकि वित्त 2020 में यह रु.1,069 करोड़ थी।
  • यथा 31 मार्च, 2021 को कुल ऋण-अग्रिम 5.6 प्रतिशत (वर्ष-प्रति-वर्ष) की मामूली गिरावट के साथ रु.1,56,233 करोड़ रुपये रहा, जबकि यथा 31 मार्च, 2020 तक यह रु.165,422 करोड़ था।

आस्ति गुणवत्ता

  • 31 मार्च, 2021 को सकल गैर-निष्पादित आस्तियों (जीएनपीए) के अनुपात में 45 आधार बिन्दुओं की कमी आई, जो 0.63 प्रतिशत से घटकर 0.18 प्रतिशत हो गया और निवल गैर-निष्पादित आस्तियों के अनुपात में 28 आधार बिन्दुओं की कमी हुई और यह 0.40 प्रतिशत से घटकर 0.12 प्रतिशत हो गया।
  • 31 मार्च, 2021 को प्रावधान कवरेज अनुपात (पीसीआर) 93.24 प्रतिशत रहा, जो कि मार्च 2020 के स्तर से 14.89 प्रतिशत ऊपर है।

सकल गैर निष्पादक आस्तियाँ यथा 31 मार्च, 2020 के रु.1,040.84 करोड़ से घटकर यथा 31 मार्च, 2021 को रु.282.31 करोड़ हो गईं, साथ ही इसी अवधि में निवल गैर निष्पादक आस्तियाँ भी रु.658.64 करोड़ से घटकर रु.185.25 करोड़ हो गईं।

मुख्य वित्तीय अनुपात

यथा 31 मार्च, 2021 को निवल ब्याज मार्जिन 10 आधार बिंदु बढ़कर 2.04 प्रतिशत हो गया, जो कि 31 मार्च, 2020 को 1.94 प्रतिशत था।

  •  वित्त वर्ष 2021 के दौरान लागत और आय के अनुपात में 180 आधार अंकों का सुधार होकर यह 12.11 प्रतिशत हो गया, जो कि वित्त वर्ष 2020 के दौरान 13.91 प्रतिशत था।
  • यथा 31 मार्च, 2021 को पूंजी पर्याप्तता अनुपात 27.49 प्रतिशत रहा, जबकि यथा 31 मार्च, 2020 को यह 26.62 प्रतिशत था।
  • वित्त वर्ष 2021 में प्रति शेयर बही मूल्य बढ़कर रु.388.54 हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह रु.339.13 था।
  • 31 मार्च, 2021 तक निवल मालियत बढ़कर रु.20,667 करोड़ हो गई, जबकि यथा 31 मार्च, 2020 तक यह रु.18,039 करोड़ थी।
  • वित्त वर्ष 2021 में प्रति शेयर आय में सुधार होकर यह रु.45.09 हो गई, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह रु.43.51 थी।

शिवसुब्रमणियन रमण, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, सिडबी का उद्धरणः

“सिडबी, कोविड-19 के कारण एमएसएमई क्षेत्र के सामने उत्पन्न हुई चुनौतियों के प्रति क्रियाशील रहा है। साझेदार ऋणदात्री संस्थाओं को भारत सरकार/ भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से दिए जाने वाले निधि समर्थन को आगे प्रवाहित करने के अलावा, सिडबी ने एमएसएमई के पुनुरुज्जीवन और उन्हें फलने-फूलने में सीधे सक्षम बनाने के लिए सेफ, सेफप्लस, आरोग, और त्वरित जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं।

एमएसएमई क्षेत्र की नई और बढ़ती हुई जरूरतों को पूरा करने के लिए सिडबी ने अन्य बातों के साथ-साथ डिजिटल पोर्टलों के माध्यम से राष्ट्रीय मिशनों को सशक्त बनाने, एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए 11 राज्यों में परियोजना प्रबंधन इकाइयों की स्थापना करने, 7 राज्यों में 1700 महिला गृहस्वामियों का समर्थन करने तथा युवाओं / विस्थापित आबादी की आकांक्षाओं को पूरा करने हेतु 100 स्वावलंबन कनेक्ट केंद्र स्थापित करने और एमएसएमई के लिए स्वावलंबन आपदा प्रतिक्रिया कोष की स्थापना करने सहित अपनी विकासोन्मुख आबद्धताओं को सतत जारी रखा है। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अपने व्यवसाय संविभाग और लाभप्रदता दोनों को बढ़ाने के अलावा सिडबी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को लागू करने की कसौटी पर खरा उतरेगा और समावेशी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपना योगदान जारी रखेगा।

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