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न्यूज डेस्क / देहरादून। एक प्रमुख उपलब्धि के तहत पंजाब नेशनल बैंक को देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सर्वश्रेष्ठ बैंक का दर्जा मिला है। पीएनबी को यह उपलब्धि कृषि ऋण, सूक्ष्म ऋण, वित्तीय समावेशन और तकनीकी ग्राह्यता के क्षेत्र में बेतरीन प्रदर्शन के लिए मिली है।

नेशनल बैंक फ़ॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलोपमेन्ट (नाबार्ड) ने पीएनबी को ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए उल्लेखनीय योगदान को देखते हुए विशेष पुरस्कार से नवाजा है।

इस मौके पर बोलते हुए पीएनबी के एमडी व सीईओ सी.एच. एस. एस. मल्लिकार्जुना राव ने कहा कि महामारी के असर के बावजूद पीएनबी देश के कृषि एवं एमएसएमई क्षेत्र के विकास के लिए अग्रणी भूमिका में रहा है। पिछले वर्ष बैंक ने ग्रामीण संपर्क कार्यक्रम चलाया जिसके तहत देश के 30 हजार गांवों को सम्मिलित करते हुए कृषि एवं एमएसएमई ऋणों के अवसरों की पहचान की गई। इसके आगे बैंक ने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना और अटल पेंशन योजना तक अपनी पहुंच में सुधार किया।

इस अभियान का एक उद्देश्य वित्तीय समावेशन के लिए डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना रहा जिसके तहत डेबिट कार्ड जारी किए और ग्रामीण समुदायों को पीएनबी वन मोबाइल एप से जोड़ा गया। इसके नतीजे बेहतरीन रहे हैं। हांलांकि आने वाले महीनों में इस क्षेत्र में और भी काम किया जाएगा।

मल्लिकार्जुना राव ने कहा कि यह पुरस्कार ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण के काम में लगे कर्मियों को प्रोत्साहित करेगा जो देश की जीडीपी में विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
अपना 40वां स्थापना दिवस मना रहे नाबार्ड ने इन पुरस्कारों की घोषणा महामारी के दौरान भारतीय कृषि के विकास पर आयोजित एक वेबिनार के दौरान की। इस कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं कृषक विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ कृष्णमूर्ति वी सुब्रमण्यम और नाबार्ड के चेयरमैन जी. आर. चिंताला की विशिष्ट उपस्थिति रही।

 

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