न्यूज डेस्क / देहरादून / ऋषिकेश। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद व मुनिकी रेती गढ़वाल मण्डल विकास निगम के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन गंगा रिसाॅर्ट में योगाचार्यों ने योग साधकों को विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास कराया और स्वस्थ्य जीवन के लिए योग के महत्व से साधकों को अवगत कराया।
नाड़ी विज्ञान व योग चिकित्सा के मर्मज्ञ संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डाॅ0 लक्ष्मी नारायण जोशी ने प्रातः कालीन सत्र में पंचकर्मा हाल में योग चिकित्सा के बारे में बताते हुए कहा कि आसन करते हुए यदि चिकित्सीय लाभ लेने हैं तो साधक को आसन का सही तरीका, समय सीमा और आसन के बाद किये जाने वाले पूरक आसन की जानकारी होनी चाहिए।
डाॅ0 जोशी ने कहा कि आसन में उपयोग में आने वाली नाड़ी पर सही दबाव यदि डाला जाय तो तभी चिकित्सीय लाभ मिलते हैं। उदाहरण के लिए मधुमेह रोगी जब मण्डूक आसन, अर्द्धमत्सेन्द्र आसन को करते हैं। कन्ध योनि स्थान पर दबाव डालें जो कि नाभि के पास का स्थान है तो इन्सुलिन की मात्रा शरीर में बढ़ने लगेगी। जिसका लाभ मधुमेह रोगी को मिलेगा इसी प्रकार कब्ज को दूर करने के लिए ताड़ आसन, त्रियक ताड आसन और कटी चक्र आसन का अभ्यास बहुत ही लाभकारी होता है।
इसी प्रकार यदि तनाव को दूर करना है तो नियमित रूप से नाड़ी शोधन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। यह मस्तिष्क को शक्ति देता है और स्मृति का विकास कर तनाव को दूर करता है।
योग साधक आचार्य मित प्रसन्ना ने पाॅवर योगा व योग निन्द्रा के बारे में साधकों को जानकारी दी और अभ्यास कराये। योग महोत्सव में योगी गुलशन कुमार ने कोरोना से बचाव के लिए योग की अनेकों विधियों की जानकारी देते हुए बताया कि योग से व्यक्ति के शरीर की प्रतिरक्षण प्रणाली मजबूत होती है और कोरोना काल में जो लोग तनाव ग्रस्त थे उन्हें मेडिटेशन से काफी राहत मिली है।
ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय की बी0के0 शिवानी ने मुुख्य पाण्डाल में योग साधकों को ऑनलाईन (वर्चुअल) माद्यम से संबोधित करते हुए कहा कि पिछला साल कई प्रश्न लेकर आया था। जिससे हम सभी लोगों ने काफी कुछ सीखा उन्होंने कहा कि हमारा मन और चित प्रशनों में उलझा रहता है। हम खुश नहीं रह पाते हैं, जो प्रश्न चित होता है, व प्रसन्न नहीं रह पाता। ऐसे ही मन उलझनों में रहता है कि ऐसा क्यों हुआ हमारे साथ ही ऐसा क्यों होता है।
इस कोरोना काल में लोगों ने योग के महत्व को समझा और उसे जीवन में उतारने की कोशिश की। योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है योग जीवन जीने का तरीका है जो इस सृष्टि की हर समस्या को हल कर सकता है। शक्ति से सृष्टि की हर चीज पर प्रभाव पड़ता है संकल्प से सृष्टि है, सृष्टि से संकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा कि मेरा शरीर निरोगी है, स्वस्थ्य है तो हम स्वस्थ ही रहेंगें और शरीर की जो भी बीमारियां हैं वो भी दूर हो जायेंगी। जीवन में अच्छे संस्कारों को अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी सत्ता विश्व परिवर्तन नहीं कर सकती है विश्व परिवर्तन का एक ही तरीका है संस्कार परिवर्तन वहीं दूसरी ओर प्रतिभागियों द्वारा बी0के0 शिवानी से सवाल जबाब किये गये, जिस पर उन्होंने सभी जिज्ञासू साधकों के प्रश्नों का जबाब दिया।
मुख्य पाण्डाल में दोपहर बाद योगिनी ऊषा माता व आचार्य सिद्धार्थ जी ने योग साधकों को शरीर विज्ञान के बारे मे बताते हुए कहा कि शरीर अष्ट धातुओं से बना हुआ है। जिसे अष्टा चक्र भी कहते हैं, उन्होंने कहा यह शरीर अयोध्या नगरी है। इसको हम जितना पवित्र और सात्विक रखेंगे उतना ही शरीर स्वस्थ्य रहेगा। हमें अपने शरीर को तीर्थ नगरी के समान मानते हुए उसकी पवित्रता का हमेशा ध्यान रखना चाहिए। योगिनी ऊषा माता ने योग साधकों को योग व प्राणायाम के अभ्यास कराये।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन निगम के प्रबन्ध निदेषक डाॅ0 आशीष चौहान द्वारा योग से सम्बन्धित सभी कक्षों व स्टालों का निरीक्षण किया गया। सांय कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्सव ग्रुप, श्रीनगर गढ़वाल द्वारा पाण्डव नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई जो दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र रहा।
योगनगरी मुनि की रेती ऋषिकेश में योग महोत्सव के तीसरे दिन विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टालों पर भी प्रतिभागियों व आगन्तुकों की भी काफी भीड़ देखने को मिली। जिसमें उद्योग विभाग, आयुष विभाग, आध्यात्म विज्ञान व सत्संग केन्द्र जोधपुर राजस्थान आगन्तुकों को रिझाते रहे।
गढ़वाल मण्डल विकास निगम लि0 द्वारा गढ़वाली व्यंजनों का स्टाॅल लगाया गया जिसमें बुराँश चाट, कुलथ अनार सोरबा, गहत चाट, कडाली सोरबा, राजमा गलावटी कबाब, मडुवा समोसा चाॅट, बुराँस पकोड़े, बुराँस जैली, ब्राॅउन राईस पुडिंग, देहरादूनी पुडिंग आदि परोसे जा रहें हैं।
योग महोत्सव में गढ़वाल मण्डल विकास निगम के प्रबन्ध निदेशक, डाॅ0 आशीष चौहान, महाप्रबन्धक (पर्यटन), जितेन्द्र कुमार, महाप्रबन्धक (प्रशासन), अवधेष कुमार सिंह, महाप्रबन्धक (वित्त), अभिषेक आनन्द एवं सहायक प्रधान प्रबन्धक (पर्यटन), के0एन0 नौटियाल समेत अनेक अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।