न्यूज डेस्क / देहरादून। अमृता विश्व विद्यापीठम में सेंटर फॉर नेनोसाइंसेस एंड मॉलिक्यूलर मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने अत्याधुनिक नैनो तकनीक पर आधारित एक अद्वितीय तीन परतों वाला एन96 नैनो मास्क लॉन्च किया है। यह मास्क सस्ता है और पारंपरिक एन95 और सर्जिकल मास्क की तुलना में कहीं अधिक बेहतर फिल्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करता है और सांस लेना आसान बनाता है।
अमृता एन96 नैनो मास्क की कीमत 200 रुपये से कम है और दोबारा उपयोग करने के लिए इसे 30 बार तक धोया जा सकता है। यह लंबे समय तक चलने वाला, त्वचा के अनुकूल और गंध से मुक्त है, और लंबे समय तक पहनने पर भी यह बहुत आरामदायक अहसास कराता है। इसके फैब्रिक इसे पहनने वालों को सांस लेने और छोड़ने में मुश्किल पैदा नहीं होने देते हैं और हानिकारक रोगाणुओं से लगभग 100%सुरक्षा प्रदान करते हैं। दुनिया में शायद ही कोई अन्य मास्क अधिकतम सुरक्षा (99.9प्रतिशत) के साथ इस तरह के उच्च श्वसन क्षमता (स्तर 2) प्रदान करता है। अमृता विश्व विद्यापीठम इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए लाइसेंसिंग की सुविधा प्रदान करता है ताकि इसकी कीमत की जा सके।
नैनो-लेयर्ड फिल्टर वाला अमृता एन96 नैनो मास्क का 99.9 प्रतिशत बैक्टीरियल और वायरस एरोसोल फिल्ट्रेशन और साथ ही 3 माइक्रोन से अधिक के 96 % पार्टिकल फिल्ट्रेशन की सुविधा प्रदान करने के लिए परीक्षण किया गया है। देश में मास्क और पीपीई का परीक्षण करने के लिए भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा समर्थित प्रमुख प्रयोगशाला, दक्षिण भारत वस्त्र अनुसंधान संघ (एसआईटीआरए) द्वारा भी इसका परीक्षण किया गया है।
अमृता विश्व विद्यापीठम के सेंटर फॉर नेनोसाइंसेस एंड मॉलिक्यूलर मेडिसिन के डीन (रिसर्च) डॉ शांतिकुमार नायर ने कहारू ’अमृता एन 96 नैनो मास्क पहनने वाले को सुरक्षा प्रदान करने और अभिनव नैनो तकनीक के साथ रोजमर्रा के अनुभव को बढ़ाने के मामले में पारंपरिक सर्जिकल और एन 95 मास्क से काफी आगे है। इसमें इलेट्रोस्पून बायोफ्रैन्डली पॉलिमर नैनोफाइबर्स के साथ अपनी तरह के नैनो-इंजीनियर्ड फिल्टर फैब्रिक का उपयोग किया गया है।
नैनो-फिल्टर में नैनो-आकार के चैनल और परस्पर जुड़े हुए छिद्रों के कारण यह ʺस्लिप इफेक्टʺ को बढ़ाता है जो एक तरफ बेहतर ढंग से सांस लेने के लिए कम वायु प्रतिरोध और दूसरी ओर उच्च फिल्ट्रेशन क्षमता सुनिश्चित करता है। मास्क का विशिष्ट डिजाइन एंटीफॉगिंग गुण भी प्रदान करता है। यह स्वास्थ्य कर्मियों और किसी भी व्यक्ति के लिए हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण के कारण होने वाले संक्रमणों के खिलाफ एक आदर्श सुरक्षा गियर है।
उन्होंने कहा, “कुछ साल पहले, अमृता विश्व विद्यापीठम में हमारे केंद्र ने चिकित्सा अनुप्रयोगों के लिए नैनो-सामग्री विकसित करने के लिए भारत सरकार से अनुदान प्राप्त किया था। उस प्रक्रिया के तहत, हमने एक अद्वितीय नैनो-फाइबर-आधारित मेम्ब्रेनॉ फैब्रिक और कोटिंग विकसित किया। इस अनुभव के कारण, हम नैनो-फाइबर कोटिंग के साथ टेक्सटाइल को एक पॉलीप्रोपाइलीन टेक्सटाइल में शामिल करने में सक्षम हुए जिसका इस्तेमाल हमने इस नैनो मास्क को विकसित करने के लिए किया है।
यह मास्क कैसे काम करता है, इस बारे में बात करते हुए अमृता विश्व विद्यापीठम के सेंटर फॉर नेनोसाइंसेस एंड मॉलिक्यूलर मेडिसिन के नैनोसाइंसेस की प्रोफेसर डॉ दीप्ति मेनन ने कहारू “अमृता एन 96 नैनो मास्क तीन परतों वाला मास्क है। पॉलीप्रोपाइलीन फाइबर से बने कपड़े से बनी इन परतों के बीच नैनो-फाइबर झिल्ली है। इस झिल्ली की अद्वितीय हाइड्रोफोबिक प्रकृति परत के एक तरफ से दूसरी तरफ सूक्ष्म बूंदों और पानी के एरोसोल के मार्ग को पूरी तरह से अवरुद्ध कर देती है। इस तरह यह पहनने वाले को दूसरे व्यक्ति के द्वारा छोड़े गये सूक्ष्म बूंदों को सांस के जरिये अंदर लेने और उसे संक्रमित होने से बचाता है। धोने योग्यॉ टिकाऊ और पुनरू उपयोग किया जाने वाला यह मास्क 99.9 प्रतिशत बैक्टीरिया और वायरस एरोसोल फिल्ट्रेशन सुनिश्चित करता है। ”
अमृता विश्व विद्यापीठम के सेंटर फॉर नैनोसाइंसेस एंड मॉलिक्यूलर मेडिसिन की वैज्ञानिक डॉ सीआर रेशमी ने कहारू “हम वर्तमान में नैनो-कोटिंग, अधिक परिष्कृत और इस्तेमाल में आसान तकनीक पर काम कर रहे हैं जो स्केलेबल है और जिसका विभिन्न प्रकार के फिल्ट्रेशन उत्पादों के लिए औद्योगिक अनुप्रयोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है।