न्यूज डेस्क / लोहाघाट । उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी कि ओर से लोहाघाट के एक होटल के सभागार में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी के चंद्रकांत -संयोजक लोहाघाट ने किया।
चंद्रकांत ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा ’ उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी अपने अध्यक्ष माननीय संजय कुण्डलिया जी के नेतृत्व में राज्य के लोगों के सामने एक राजनीतिक विकल्प देने जा रहा है, जो समग्र उत्तराखंड को एक विकसित राज्य बनाने के लिए संकल्पित है और जो बहुआयामी विकास के लिए दृढ़ निश्चय ले चुके है। उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी आने वाले चुनाव में प्रदेश के 70 के 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे और विजई होंगे
- उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी गैरसैंण में हुए लाठीचार्ज को बहुत ही बर्बरता पूर्वक एवं शर्मसार कर देने वाली घटना बताई है।
उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी गैरसैंण में हुए लाठीचार्ज को बहुत ही बर्बरता पूर्वक एवं शर्मसार कर देने वाली घटना बताई है जो कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के लोगों के प्रति किया गया है। यह लाठीचार्ज सरकार के द्वारा किया गया बहुत ही घृणित कार्य हैं। एक एक कीमती वोट देकर सरकार को लोगों ने अपना मत दिया था और यह सरकार ने उन्ही लोगों पर लाठीचार्ज किया। महिलाओं, बूढ़े एवं युवाओं को गंभीर चोटें आई हैं। आम जनता कि गलती क्या थी, क्या अपनी मांग रखना उत्तराखंड राज्य में प्रदेशवासियों का हक नहीं है। अब हम उत्तराखंड के लोगों को समझना होगा कि दिल्ली से जो सरकार चलाने की कोशिश करते रहते हैं वह उत्तराखंड वासियों को कितना समझते हैं , इस लाठीचार्ज से अंदाजा लगाया जा सकता है। इस प्रदेश की जनता त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही है लेकिन सरकार के कान में जू तक नहीं रेंगती।
अब ऐसे घमंडी और तानाशाही सरकार का अंत सुनिश्चित करना हम प्रदेशवासियों के हाथ में हैं इसीलिए हम तमाम प्रदेशवासियों से अपील करते हैं कि वे अपने क्षेत्रीय राजनीतिक दल को मौका दें और अपने राज्य के भविष्य का फैसला खुद ही करें और एक ऐसी राज की परिकल्पना करें जहां पर सब लोग एक समान भाव से देखे जा सके।
’उत्तराखंड सरकार ने अब प्रदेश के लोगों को दमन करना शुरू कर दिया है प्रदेश के हजारों परिवार अब ऐसे संकट से घिरने जा रहे हैं जिनके सामने रोजी-रोटी का आभाव हो सकता है। राज्य में उपनल कर्मियों के साथ जो दुर्व्यवहार और सोतेलापन सरकार ने अख्तियार किया है वह बहुत ही निंदनीय है। अगर एक दफ्तर में 2 लोग एक ही काम कर रहे हो तो उन्हें एक समान वेतन मिलना चाहिए कि नहीं चाहिए इसका जवाब हर कोई दे सकता है। नियमित कर्मचारियों के वेतन आसमान पर हैं और वही उपनल कर्मियों के वेतन बेहद कम है। समान कार्य के लिए समान वेतन होना एक जायज मांग है। कई विभागों में ऐसा देखा गया है कि उपनल कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाने की कोशिश कर रही सरकार उसी पद पर अब नियमित कर्मचारी नियुक्त करने जा रही है। यह कैसी नीती राज्य सरकार की है और कितनी दुष्ट तरीके से 22 हजार परिवारों को रोजी रोटी छीनने का काम राज्य सरकार करने जा रही है। उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी इसकी निंदा करता है और वह उपनल कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिला कर साथ खड़ा रहेगा जब तक उनको इंसाफ मिल नहीं जाती!
- मनरेगा कर्मी को हर रोज जद्दोजहद करने के बावजूद अभी तक इंसाफ नहीं मिला है।
उत्तराखंड के अंदर जो मनरेगा कर्मी है उनकी हालत भी किसी से छुपी हुई नहीं है हर रोज का जद्दोजहद करने के बावजूद उन्हें अभी तक इंसाफ नहीं मिला है और ना ही उनकी मांगे मानी गई है। लगभग 12 साल से मनरेगा कर्मी राज्य सरकार के लिए काम करते आ रहे है लेकिन अभी तक उन्हें कोई भी आश्वासन नहीं दिया गया है जिससे वे अपने भविष्य को लेकर निश्चिंत हो सके। सभी मनरेगा कर्मी को यात्रा भत्ता एवं ईपीएफ की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि वे अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकें। उत्तराखंड के पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में जो मनरेगा कर्मी काम करते हैं उन्हें अगर हस्तांतरण किया जाता है तो उन्हें आने जाने में बहुत कष्ट का सामना करना पड़ता है और जान का भी खतरा बना रहता है। ऐसे में सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए के इन सभी मनरेगा कर्मी के साथ इंसाफ हो एवं वे सभी सामान्य जीवन व्यतीत करें।
उत्तराखंड का दोहन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एजेंसी द्वारा कॉरपोरेट सरकार के माध्यम से किया जा रहा है एवं हमारे स्थानीय विकास और मुद्दों को नजरअंदाज करते हुए हमारी धरोहर को दिल्ली से आकलन किया जा रहा है। हम अपने संपूर्ण उत्तराखंड वासियों से अनुरोध करते हैं कि वे उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले और अपनी विकास और रोजगार की रेखा को अपने अनुसार तय करें।
उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी राज्य के सभी लोगों को सामान्य रूप से देखती है एवं सभी को अपने क्षमता अनुसार काम करने का अवसर प्रदान करता है। यदि कोई महिला या पुरुष हमारे पार्टी में जुड़़ते हैं तो उन्हें शुरुआती दौर में ही संयोजक का पद दिया जाता है जिससे ऊंच-नीच और भेदभाव ही खत्म हो जाता है। मैं सभी क्षेत्रवासियों से अनुरोध करता हूं कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में आप उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी से जुड़े और अपने प्रदेश की विकास को अपने हाथों से लिखें।
प्रेस वार्ता में उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी कि ओर से चंद्रकांत -संयोजक लोहाघाट एवं अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहें।