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उत्तराखण्ड वन संसाधन प्रबंधन परियोजना की ब्लाक स्तरीय फेडरेशन के गठन हेतू कार्यशाला का आयोजन

स्थानीय संपादक / नारायणबगड चमोली।
शुक्रवार को विकास खंड सभागार में उत्तराखंड वन संसाधन प्रबंधन परियोजना की ब्लाक स्तरीय फेडरेशन के गठन के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया।जिसमें 27 वन पंचायतों की 56 स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों ने प्रतिभाग किया।

वरदान संस्था देहरादून एवं अलकनंदा भूमि संरक्षण वन प्रभाग गोपेश्वर के संयुक्त तत्वाधान में ब्लाक सभागार में आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि प्रमुख यशपालसिंह नेगी, खंड विकास अधिकारी मदनसिंह,वनक्षेत्राधिकारी पश्चिमी पिण्र्डर राजि बद्रीनाथ वन प्रभाग जुगलकिशोर चौहान,डीजीएम कोऑपरेटिव चमोली दीक्षा कंडवाल ने कार्यशाला के प्रारंभ में मां सरस्वती के चित्र का अनावरण करते हुए दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की सुरुवात की। तत्पश्चात समूह की महिलाओं ने “इतनी शक्ति हमें देना दाता,मन का विश्वास कमजोर हो ना…प्रार्थना गीत गाकर सबको भावविभोर कर दिया।

इस अवसर पर डीजेएम कोऑपरेटिव दीक्षा कंडवाल ने अपने संबोधन में कहा कि महिला सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण का आवंटन कर रही है। कहा कि 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर गैरसैंण में मुख्यमंत्री इस ऋण का वितरण करेंगे, कहा सरकार की इस पहल का अधिक से अधिक लाभ लेकर सहकारिता की अवधारणा को सफल बनाकर महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत बनाएं।

वनक्षेत्राधिकारी अलकनन्दा भूमि संरक्षण वन प्रभाग हरीश थपलियाल ने महिला समूहों की सदस्यों को बताया कि जायका का काम वन विभाग और सहकारिता सयुंक्त रूप से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग सीमित काम कर सकता था इसलिए निर्णय लिया गया कि वन पंचायतों और सहकारिता के माध्यम से मिलकर काम किए जायें।

इससे लोगों की आय बढेगी,कहा कि स्थानीय उत्पादन के विपणन के लिए सहकारिता के माध्यम से आसानी होगी।उन्होंने अपार सफलता के लिए सबको साथ लेकर कार्य करने की अपील की।

कार्यशाला में प्रखंड के 27 ग्राम पंचायतों की महिला समूहों का ब्लाक स्तरीय फेडरेशन का चुनाव भी किया गया। जिसमें सिमली की पूनम देवी को अध्यक्ष, निलाडी की बबीता देवी को उपाध्यक्ष, आलकोट की शीला देवी को सचिव और कोषाध्यक्ष पद पर कुमारी आरती को चुना गया।

क्षेत्रीय समंवयक भरत रावत ने बताया कि प्रखंड में 27 वन पंचायतों में 56 स्वयं सहायता समूह वर्तमान में कार्यरत हैं।इसमें अलकनन्दा भूमि संरक्षण वन प्रभाग एवं वरदान संस्था के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण एवं सामाजिक पक्ष के साथ आर्थिकी पर विशेष जोर दिया जा रहा है।

जिससे तहत वरदान संस्था द्वारा 27 वन पंचायतों में समूहों का गठन किया गया है एवं आज इसी परिपेक्ष्य में लक्ष्मी-नारायण स्वायत्त सहकारिता फेडरेशन का गठन किया गया।जिसका मुख्य उद्देश्य समूहों के स्थानीय उत्पादों का विपणन कर बाजार उपलब्ध कराकर आर्थिक स्तर को बढाना है।

इस अवसर पर बाजार विशेषज्ञ प्रतीक गोयल, बीरेंद्र सिंह नेगी, देवेन्द्र सिंह परिहार, कंचन नेगी, मुकेश नैनवाल, गजेन्द्र नेगी, चंद्रमणि बरमोला आदि उपस्थित थे।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा

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