स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली। उत्तराखण्ड सरकार के द्वारा युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार देने की नीति के तहत सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सोशल वर्कर के पदों पर भर्ती हेतु विज्ञप्ति जारी की गई है,परंतु डिग्रीधारी छात्रों ने इसमें तय किए गए मानकों पर नाराजगी जताई है।
गौरतलब है कि ये पद मूलतः व्यावसायिक तकनीक संवर्ग का है। जिसमें शैक्षिक योग्यता दो वर्षीय व्यावसायिक कोर्स है। इसके लिये जो विज्ञप्ति जारी की गई है। उसमें शैक्षिक अहर्ता के रूप में समाजकार्य में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ स्वास्थ्य कल्याण एवं स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक वर्ष का अनिवार्य अनुभव भी रखा गया है। विगत दो वर्षों से कोरोना महामारी के कारण राज्य में लॉकडाउन लगा हुआ है।
जिसका असर रोजगार/स्वरोजगार पर प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रहा है। इस बीच पिछले 2- 3 वर्षों में जिन अभ्यर्थियों को समाजकार्य विषय मे डिग्री मिली है वे कोरोना के कारण कोई जॉब नही ले पाए जिस कारण उन्हें कोई भी अनुभव (रोजगार/स्वरोजगार) नही मिल पाया। ऐसे सभी डिग्रीधारी का कहना है कि अब इन पदों में आवेदन के लिए वे कहां से अनुभव लाएंगे।वर्षों से स्वाथ्य के अलावा भी डिग्रीधारक अनेक सामाजिक/शैक्षणिक/एनजीओ के सेक्टर में भी कार्य कर रहे हैं,उनके अनुभव को भी मान्य नही किया गया है,जबकि वो भी उसी विषय को पढ़कर अन्य सेक्टर में कार्य कर रहे हैं।
डिग्रीधारी छात्रों ने व्यावसायिक रूप से प्रशिक्षित सभी समाजकार्य डिग्रीधारकों को इस भर्ती परीक्षा में अवसर प्रदान करने के लिए सरकार से निवेदन किया है कि अनिवार्य शैक्षिक अहर्ता के रूप में सिर्फ समाजकार्य में स्नातकोतर ही रखा जाय। गढ़वाल विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र एवं समाजकार्य विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो0 जे0पी0 पचौरी का कहना है कि कोरोना काल में लॉकडाउन की स्थिति एवं बढ़ती बेरोजगारी को ध्यान में रखकर छात्रहित को देखते हुए सरकारी विज्ञप्ति में योग्यता के मानकों में बदलाव किया जाना चाहिये।
समाजकार्य विषय में पीएचडी कर रहे छात्र बिजेन्द्र सिंह मनेशा का कहना है कि सरकार को जल्द से जल्द इस विज्ञप्ति में संसोधन करते हुए अनिवार्य शैक्षिक अहर्ता से एक साल का अनुभव खत्म कर सभी क्षेत्रों के अनुभव को मान्य करते हुए इसे सिर्फ अधिमान में रखा जाना चाहिए। मांग करने वाले छात्रों में दान सिंह,नवल किशोर, नितिन मलेथा,अंजली, सुनीता, रेखा, रजनी, ऋतु, राजेश्वरी, राहुल,महेंद्र कफोला इत्यादि शामिल रहे।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा