Home उत्तराखण्ड करवा चौथ पर गर्भावस्था के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

करवा चौथ पर गर्भावस्था के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। त्योहारों का मौसम आ चुका है और हर ओर उत्सव का माहौल भी है। ऐसे में जिन परिवारों में नन्ही ख़ुशी आने वाली है, वहां भावी माता-पिता के लिए उत्साह स्वाभाविक है। त्योहार और उत्सव के बीच ये समय गर्भवती स्त्री यानि होने वाली माँ को आवश्यक देखभाल और सहायता प्रदान करने का भी है।

करवा चौथ वैवाहिक जीवन का एक खूबसूरत पर्व है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत (भोजन और पानी के बिना उपवास) रखती हैं। यह त्योहार निश्चित रूप से जोड़ों के बीच प्यार और स्नेह का संचार करता है। लूथरा मैटरनिटी एंड इनफर्टिलिटी सेंटर, देहरादून की कंसल्टेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ आरती लूथरा ने इस सन्दर्भ में कहा, “दिवाली दूर नहीं है और करवा चौथ भी आ गया है। ऐसे में हम चाहते हैं कि गर्भवती स्त्रियाँ अपना व अपने बच्चे का ख़ास ख़याल रखें और खुद को अधिक तनाव न दें।

करवा चौथ के लिए गर्भवती महिलाएं क्या करें और क्या न करें – इस सम्बन्ध में यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं:-

  • व्रत रखने का निर्णय सोच-समझ कर लें- गर्भवती स्त्रियां अपने आप पर और अपने स्वास्थ्य पर सिर्फ इसलिए बोझ न डालें क्योंकि दूसरे चाहते हैं कि आप ऐसा करें। अपने स्वास्थ्य और सबसे बढ़कर अपने बच्चे के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। उपवास तभी करें जब आप करना चाहते हैं न कि खुद को और अपने प्यार को दूसरों के सामने साबित करने के लिए।
  • अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से बात करें- ऐसा हो सकता है कि आप करवा चौथ का व्रत करने के लिए बहुत इच्छुक हों, लेकिन ये अपने डॉक्टर को तय करने दें कि आप का शरीर व्रत रखने की स्थिति में है अथवा नहीं।

डॉ आरती लूथरा ने बताया – “गर्भावस्था के दौरान, गर्भवती महिला द्वारा लिए गए आहार से ही बच्चे को पोषण मिलता है। यही कारण है कि गर्भावस्था के नौ महीनों के दौरान महिलाओं को पौष्टिक भोजन लेने के लिए कहा जाता है क्योंकि बच्चे का विकास उनके आहार पर निर्भर करता है।

बिना भोजन और पानी के पूरा दिन बिताने से शिशु को परेशानी हो सकती है। साथ ही, गर्भावस्था के अलग-अलग समय में शरीर की स्थिति अलग होती है। ऐसे में सही स्थिति का आकलन सिर्फ आपकी डॉक्टर कर सकती हैं।

  • व्रत रख रहीं हैं तो खाएं पोषक सरगी- जहां कई परिवारों में सरगी का प्रचलन है, बहुत से परिवार ऐसे भी है जहाँ सरगी की परम्परा नहीं होती। ऐसे में यह ध्यान रखते हुए कि आप गर्भवती हैं और उपवास कर रही हैं, अपने दिन की शुरुआत पौष्टिक और स्वस्थ भोजन से करने की सलाह दी जाती है – इसे सरगी कहें या नहीं – लेकिन इससे व्रत के दौरान आपको पूरे दिन मदद मिलेगी। मॉर्निंग सिकनेस से पीड़ित महिलाएं हल्की सरगी ले सकती हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करें जो आपको दिन भर के लिए हाइड्रेटेड रख सकें।
  • अपने आप को न करें परेशान- करवा चौथ का पालन करते समय, अपने आप को अनम्य रीति-रिवाजों से अधिभारित न करें। केवल उतना ही करें जितना आपका शरीर अनुमति देता है। व्रत करते हुए खुद को परेशान न करें क्योंकि इससे आपके गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी विपरीत असर पड़ सकता है। अतः यदि आप करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, तो पर्याप्त आराम करें और भाग-दौड़ से बचें। आखिरकार, यह आपके बच्चे के बारे में है!
  • उपवास के विपरीत परिणाम- बिना भोजन और पानी के उपवास करने से सिरदर्द, थकान, एसिडिटी, जी मिचलाना आदि हो सकता है। यही कारण है कि गर्भवती महिलाओं को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्वास्थ्य को खराब न होने देने के लिए नियमित अंतराल पर भोजन करते रहें।
  • अपना ध्यान अन्य कार्यों में लगायें- अपने आप को व्यस्त रखें – टीवी देखें, दोस्तों से बात करें, कुछ पढ़ें, मूवी देखें, या अपने शाम की पूजा के लिए तैयारी करें।

डॉ आरती सलाह देती हैं, “यदि आप उपवास के दौरान असहज महसूस करते हैं, तो याद रखें, आपका और आपके गर्भ में पल रहे बच्चे का स्वास्थ्य पहले आता है।

स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए टिप्स

• सुबह के समय पौष्टिक सरगी लें

• खुद को हाइड्रेटेड रखें

• सूखे मेवे, फल, जूस, छाछ आदि लें।

• किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के मामले में अपने डॉक्टर की सलाह लें