न्यूज डेस्क / नारायणबगड़ चमोली । केंद्र की भाजपा सरकार की किसान और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ बुधवार को संपूर्ण देश के साथ ही जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में काला दिवस के रूप में प्रदर्शन किया गया।
जनपद के घाट,किरुली,जिला मुख्यालय,बंड,जोशीमठ, मींग,बैनोली,नारायणबगड़, सुय्या,तलवाडी,ग्वालदम,देवाल में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) तथा उसके वर्गीय संगठन अखिल भारतीय किसान सभा,सीआईटीयू,डीवाईएफआई, एस एफ आई,अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति के सदस्यों ने कोरोना काल को देखते हुए अपने-अपने घरों पर काले झंडे और पार्टी-संगठनों के झंडे, बैनरों के साथ विरोध के लिए सांकेतिक धरना दिया।
सीपीएम और उसके वर्गीय संगठनों की मांगें हैं कि तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लिए जाएं, किसानों की फसलों का समर्थन मूल्य घोषित कर उनकी फसलों को घोषित समर्थन मूल्य पर ही खरीदने के लिए कानून बनाये जाएं।
बताते चलें कि केंद्र सरकार के उपरोक्त कृषि कानूनों के विरोध में पिछले कई महीनों से देशभर में किसानों का आंदोलन जारी है।
साथ ही सीपीआई और उसके वर्गीय संगठनों के द्वारा इस कोरोनकाल में आयकर नहीं देने वाले परिवारों को ₹ 7500 प्रतिमाह दिया जाने,देश के सभी नागरिकों को मुफ्त राशन देने,जो लोग लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हो गए हैं उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने सहित कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को मुफ्त ईलाज,ऑक्सीजन, वेंटिलेटर आदि की सुविधाएं देने की मांग की गई है।
इस अवसर पर किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजपाल कन्याल,सीपीआई के जिला सचिव भूपाल सिंह रावत, सीआईटीयू के जिलाध्यक्ष मदन मिश्रा,सचिव मनमोहन सिंह,ज्ञानेंद्र खंतवाल, पुष्पा किमोठी, पुरूषोत्तम सती,बस्तीलाल,राजेन्द्र नेगी, कमलेश गौड,नरेन्द्र रावत, प्रताप सिंह, कुंवर राम,गजेंद्र बिष्ट, खडग सिंह,धर्म सिंह रावत, खिलाप सिंह रावत, बीरेन्द्र नेगी, कालिका सती,ललित मिश्रा,देवराम,बलवंत सिंह,प्रेम शर्मा,जयवीर नेगी,ज्योति नेगी,लक्ष्मी सती,बीरा देवी,चंद्रा नेगी,जयकृत रावत आदि ने अपने अपने घरों पर धरना दिया।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा