न्यूज डेस्क / हरिद्वार। उत्तराखंड किसान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महामंत्री एवं प्रवक्ता राहुल चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानून पूरी तरह किसान विरोधी हैं। यदि समय रहते सरकार ने किसानों की मांगे नहीं मानी तो देश में खाद्यान्न संकट उत्पन्न हो जाएगा। उन्होंने केंद्र तथा राज्य सरकारों से मांग की है कि सरकारें गेहूं एवं चावल पर दी जाने वाली सब्सिडी को समाप्त कर पेट्रोल और डीजल को सब्सिडी के दायरे में लाएं।
जिससे महंगाई पर रोक लगेगी तथा देश और समाज खुशहाल बनेगा। लंबे समय से चल रहे किसान आंदोलन और सरकार द्वारा अपनाए जा रहे अड़ियल रुख पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों के इशारे पर बनाए गए कृषि कानून सीधे तौर पर किसान विरोधी हैं और कृषि कानूनों के बनते ही कृषि उत्पादों की बढ़ी नाकद्री सरकार की नीति और नियति का खुलासा कर रही है।
उत्तराखंड राज्य से समाप्त हुई कृषि पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में दो तीन रुपए किलो गेहूं चावल की योजना से राज्य के सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों में खेती किसानी समाप्त हो गई। जबकि मैदानी क्षेत्रों में कृषि भूमि पर लगाए गए उद्योगों ने कृषि और कृषक दोनों को समाप्त कर दिया। परिणाम स्वरूप राज्य भारी आर्थिक तंगी से गुजर रहा है।
राज्य में जन्म लेने वाला प्रत्येक बच्चा कर्जदार पैदा होता है तथा नोटबंदी और लॉकडाउन के बाद उद्योगों पर आए बड़े संकट से किसान, मजदूर और युवाओं का भविष्य संकट में फंस गया है। राज्य सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए कृषक नेता ने कहा कि देश और समाज को बचाना है तो राज्य की जनता के सामने सरकार बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।