Home उत्तराखण्ड जन संवाद – कोरोना की इस रफ्तार के लिए कौन है जिम्मेदार

जन संवाद – कोरोना की इस रफ्तार के लिए कौन है जिम्मेदार

जन संवाद ( बात जन मन की ) – जी हां! देश के हालात बहुत बिगड़ चुके हैं, लोगों की सांसें टूट रही हैं और भारत ने कोरोना के आंकड़ों से विश्व रिकॉर्ड भी बना दिया है। उत्तराखंड सरकार कोरोना से मरने वालों के लिए जहां मुफ्त की लकड़ी मुहैया करा रही है तो वहीं शमशान गृहों में मूलभूत सुविधाओं की कमी पूरी करने में जुटी हुई है। सरकार का ध्यान कोरोना नियंत्रण के लिए तेजी से फैलने के कारणों पर प्रतिबंध नहीं लगा रही क्योंकि निजी आवश्यक कार्य सरकार के बहुत हैं, चुनावी वर्ष है तो तैयारी रखनी जरूरी है।

प्रधानमंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ऑक्सीजन एवं स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी न होने का दावा कर रहे हैं तो लोगों की सांसें क्यों थम रही हैं?

इससे अच्छा रास्ता सरकार ने ढूंढ लिया, मरो जितने मरने हैं कोई चिंता की बात नहीं, सरकार शवों को जलाने के लिए मुफ्त की लकड़ी दे रही है और शमशान गृहों में मूलभूत सुविधा पूरा कर रही है, अब इससे ज्यादा लोगों को क्या चाहिए! प्रधानमंत्री जी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री जी कुछ तो समाधान होगा कोरोना को नियंत्रित करने का! आज विश्व रिकॉर्ड बन गया है। विदेशों में स्थिति नियंत्रण में है, प्रधानमंत्री जी! आपका आधा कार्यकाल तो विदेश यात्रा में ही बीता, विदेशों में आपने जो अच्छे सम्बन्धों का इतिहास रचा उसका ही लाभ ले लीजिए, बचा लीजिए उनको जिन्होंने आपका दूसरी बार केंद्र की सत्ता दी।

प्रदेश सरकार के बयान तो लोग अखबारों और अन्य माध्यमों में देख ही रहे हैं, कहीं शमशान गृहों को विकसित करने की तैयारी में जुटे हैं। ऐसा लगता है कि उत्तराखंड की सरकार प्रदेश की जनता ने नहीं बनाई बल्कि भाजपा हाईकमान ने बनाई है। हर चीज का फैसला जब हाईकमान ने लेना है तो छोड़ दो सत्ता, कोई और आ जायेगा जो खुद निर्णय ले सके।

आज कल बहुत आम और खास पार्टी के लोग बहुत सैनिटाइजर मास्क वितरित कर मौका भुनाने में लगे हैं। शायद कोई क्षेत्रीय दल ही उत्तराखंड की पीड़ा को समझ सके!

खैर अभी क्या किसी राजनीतिक पार्टी को क्या कहें, अभी तो सरकार आपसे ही है उम्मीद की दरकार। कुछ तो सोचो… कुछ तो करो…. अपना भी तो विवेक है मुख्यमंत्री जी… लगाओ जैसे चुनाव में जीत के लिए लगते हैं। आपको सोचना पड़ेगा आपको करना पड़ेगा वरना जिनका मरेगा वो फिर क्या न करेगा… होशियार.. ध्यान रखना, हो जाओ खबरदार..।

कहता रहूंगा डंके की चोट पर… सुनना पड़ेगा।

@प्रदीप चौहान।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here