Home उत्तराखण्ड ‘तीलू रौतेली’ ऐतिहासिक गढ़‌वाली नाटक इस रविवार को देहरादून में प्रदर्शित होगा

‘तीलू रौतेली’ ऐतिहासिक गढ़‌वाली नाटक इस रविवार को देहरादून में प्रदर्शित होगा

बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क । देहरादून में पहली बार 50 प्रतिभाशाली कलाकारों का एक दल गढवाल की एक निडर महिला योद्धा, तीलू रौतेली की पौराणिक कहानी को जीवंत करने जा रहा है।

तीलू रौतेली नामक नाटक का मंचन इस रविवार को रिस्पना पुल स्थित सांस्कृतिक ऑडिटोरियम में किया जाएगा और यह उत्तराखण्ड के लिए एक ऐतिहासिक सांस्कृतिक कार्यक्रम होने का वादा करता है।

मूल रूप से पौड़ी की रहने वाली प्रसिद्ध मंच कलाकार वसुंधरा नेगी तीलू रौतेली की मुख्य भूमिका निभाएंगी, जिसमें इस युवा योद्धा की प्रेरक यात्रा को दर्शाया जाएगा, जिसने दुश्मन ताकर्ता को चुनौती दी और गढ़वाल के इतिहास को फिर से परिभाषित किया।

कलर्ड चेकर्स फिल्म एंड एंटरटेनमेंट लिमिटेड ‌द्वारा प्रस्तुत इस नाटक का उ‌द्देश्य दर्शकों को तीलू रौतेली (जन्म तिलोत्तमा देवी) की असाधारण कहानी से परिचित कराना है, जिन्होंने 15 साल की उम्र में युद्ध के मैदान में प्रवेश किया और सात वर्षों में सात युद्ध लड़े। एक योद्धा और सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में उनकी विरासत ने भारत और विदेश दोनों में पीढ़ियों को प्रेरित किया है।

रजत अग्रवाल ने तीलू रौतेली की कहानी को फिर से बताने के महत्व पर जोर दियाः

“यह नाटक गढ़वाल की महानतम नायिकाओं में से एक को श्रद्धांजलि है। उनकी कहानी को बड़े और युवा दर्शकों तक पहुंचाकर, हमारा उद्‌देश्य उन्हें इस क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और इसके साहसी व्यक्तियों से फिर से जोड़ना है जिन्होंने इसके अतीत को आकार दिया।

आयोजक वैभव गोयल ने बताया कि किसी असाधारण कहानी को नाटक के माध्यम से आम जन तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है, उत्तराखण्ड में आगे भी नाटकों के माध्यम से प्रतिभाओं को उभारने का काम किया जाएगा।

कार्यक्रम संयोजक राजेंद्र सिंह रावत ने बताया उत्तराखंड सरकार ने भी तीलू रौतेली पेंशन योजना के माध्यम से तीलू रौतेली की विरासत का सम्मान किया है, यह योजना कृषि कार्य के दौरान घायल या विकलांग हुई महिलाओं को समर्पित है, जो राज्य भर में महिलाओं को सशक्त बनाने में उनकी कहानी की स्थायी प्रासंगिकता को दर्शाती है।

यह नाटक शाम 5:30 बजे रिस्पना पुल स्थित सांस्कृतिक ऑडिटोरियम में शुरू होगा। गढ़वाल के इतिहास और एक ऐसी महिला के जीवन को फिर से बताने का यह अवसर न चूकें जिसने सभी बाधाओं को पार करने का साहस किया।