स्थानीय संवाददाता / धुमाकोट। उत्तराखंड की रानी लक्ष्मी बाई के नाम से जाने जाने वाली तीलू रौतेली की कर्म स्थली कांडा विकासखंड बीरोंखाल एवं क्षेत्र के प्रथम विधायक स्वर्गीय राम प्रसाद नौटियाल की जन्मस्थली ग्राम कांडा का प्राथमिक विद्यालय किस जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंचा हुआ है, इस पर बड़ी हैरानी होती है कि, जहां उत्तराखंड की सरकार पलायन रोकने की बात करती है, गांव के विकास की बात करती है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ गांव का प्राथमिक विद्यालय किस खंडहर की स्थिति में पड़ा हुआ है।
यह अपने आप में राज्य सरकार और उसके शिक्षा विभाग के ऊपर सवाल खड़ा करता है। गांव कांडा में प्राथमिक विद्यालय की दशा का मौके पर हालात को देखने कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री रंजना रावत ने गांव पहुंचकर खंडहर में तब्दील प्राथमिक विद्यालय को देखा ,और इस पर उन्होंने गांव के लोगों से जो जानकारी प्राप्त की है उसके तहत पाया गया कि वर्तमान में बेसिक शिक्षा का दायित्व भी जूनियर हाई स्कूल के प्रांगण में एक बरामदे में चल रहा है।
बीरोंखाल विकासखंड जहां कुमाऊं और गढ़वाल की सीमा रेखा का मापन करता है, वही यह विकासखंड जनपद मुख्यालय से 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित है, और इन तमाम समस्याओं को लेकर के स्थानीय लोगों ने धुमाकोट को अलग से जनपद बनाने की भी मांग की थी।
कांग्रेस की प्रदेश महामंत्री रंजना रावत ने गांव के बुजुर्गों और जनप्रतिनिधियों सहित जन सरोकारों से जुड़े लोगों से गांव की स्कूल की जर जर हालत पर चर्चा की, और उन्होंने इस ऐतिहासिक गांव की स्थिति स्कूल की दशा पर मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है कि गांव कांडा जो तीलू रौतेली की कर्मस्थली है।
आजादी के बाद स्थानीय प्रथम विधायक स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय राम प्रसाद नौटियाल की जन्मस्थली है। इस विद्यालय का शीघ्र से शीघ्र उद्धार किया जाए और आधुनिकता की बेसिक शिक्षा राज्य सरकार ने शिक्षा का जो नया पैटर्न तैयार किया है।
इसके तहत गांव कांडा में देहरादून की तरह बेसिक मॉडल स्कूल बना करके गांव कांडा में बेसिक विद्यालय को पुनर्स्थापित किया जाए। रंजना रावत ने पाया कि वर्तमान सरकार और उसका शिक्षा विभाग कहीं भी पहाड़ों पर बेसिक शिक्षा को लेकर कहीं भी जिम्मेदार नहीं दिखता है।
कारण साफ है की ग्राम प्रधान कांडा ने एक नहीं कई बार शिक्षा विभाग को विद्यालय की खंडहर दशा को सुधारने हेतु पत्राचार किया, लेकिन शिक्षा विभाग ने कहीं भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। रंजना ने बताया कि बुधवार को फिर एक बार मुख्यमंत्री को इस विद्यालय की खंडहर स्थिति को दूर करने की मांग की गई है ।
रिपोर्ट – वीरेंद्र रावत