न्यूज डेस्क / देहरादून । टी-सीरीज और द इंडियन परफॉर्मिंग राइट सोसाइटी लिमिटेड (“आईपीआरएस”) ने घोषणा की कि सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, के नाम से पहचाने जाने वाले “टी-सीरीज”, ने आईपीआरएस की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, भूषण कुमार के नेतृत्व में, भारत की प्रमुख म्यूजिक लेबल और देश की सबसे बड़ी फिल्म प्रोडक्शन स्टूडियो, टी-सीरीज के, आईपीआरएस में शामिल होने से उसके पास 200,000 से अधिक टाइटल्स का एक विशाल म्यूजिक लाइब्रेरी आ गई है।
जिसमें 50,000 से अधिक म्यूजिक वीडियोज शामिल हैं, जिनमें 15000 घंटे से अधिक का संगीत जिसमें हिंदी, पंजाबी, भोजपुरी, हरियाणवी, बंगाली, गुजराती, मराठी, राजस्थानी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उड़िया आदि जैसी पंद्रह से अधिक भारतीय भाषाओं के म्यूजिकल कंपोजिशंस और सॉन्ग म्यूजिक वीडियोज शामिल हैं।
यह घटना भारतीय संगीत उद्योग का एक महत्वपूर्ण पल है जो आईपीआरएस को एक गेम चेंजिंग भूमिका में लाएगा, जो रजिस्टर्ड इंडियन कॉपीराइट सोसायटी है और संगीतकारों, गीतकारों और म्यूजिक के ऑनर पब्लिशर्स का प्रतिनिधित्व करती है। सदस्य के रूप में टी-सीरीज की मौजूदगी से आईपीआरएस के लेखकों और म्यूजिक कंपोजर सदस्यों को काफी फायदा होगा।
आईपीआरएस अब टी-सीरीज म्यूजिक पब्लिशिंग कैटलॉग ऑफ लिरिक्स एंड म्यूजिकल कंपोजिशन का प्रतिनिधित्व करेगा और कई तरह के प्लेटफॉर्म्स और बिजनेसेस को लाइसेंस देगा, जो भारत में संगीत के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं और भारत में म्यूजिक पब्लिशिंग इकोसिस्टम को बढ़ाते हैं और बहुत से बिजनेस को लाइसेंस देकर इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार करते हैं।
इसमें ब्रॉडकास्टर्स, डिजिटल सर्विसेस, टेलकोज और कई और छोटे व्यवसाय शामिल हैं जो साउंड रिकॉर्डिंग या एक म्यूजिक वीडियोज के अंतर्गत आने वाले कार्यों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस के तहत लाइसेंस पाने की चाह रखते हैं।
आईपीआरएस के चेयरमैन व जाने-माने गीतकार जावेद अख्तर ने कहा, – मैं इसे टी-सीरीज के लिए घर वापसी के तौर पर देखता हूं। भूषण कुमार और टी-सीरीज परिवार को अपने कॉपीराइट कैटलॉग को एक बार फिर से आईपीआरएस को सौंपने के लिए तहे दिल से धन्यवाद देता हूं।
यह टी-सीरीज और हमारे लेखक व संगीतकार सदस्यों दोनों के लिए फायदे का प्रस्ताव है जो उन्हें जबरदस्त रूप से फायदा पहुंचाएगा। पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री आज इस बात को लेकर दृढ़ संकल्पित और एकजुट है कि निर्माता, म्यूजिक बिजनेसेस सभी एक साथ मिलकर साझा हित में काम करेंगे। मैं आईपीआरएस के अपने साथी निदेशकों की वजह से यहां जुड़ा हूं कि आईपीआरएस के बोर्ड में भूषण कुमार का स्वागत करता हूं।
टी-सीरीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक,भूषण कुमार ने कहा – “टी-सीरीज जो भी बनाता है, कॉपीराइट उसके दिल और आत्मा में है। आईपीआरएस में हमारा शामिल होना कंपनी के लिए तार्किक प्रगति है।
हमने पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री के हित में यह निर्णय लिया – आज पूरी इंडस्ट्री, निर्माता, म्यूजिक बिजनेसेस, सभी एकजुट हैं, और अपने देश की प्रगति में योगदान करने वाले साझेदारों के एक सहज गठबंधन का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा साझा हित में साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
टी-सीरीज आईपीआरएस और इसके सदस्यों का महत्व और बढ़ाएगा। हम भविष्य में अपने समर्थन से आईपीआरएस के और आगे प्रगति करने की उम्मीद करते हैं ताकि यह निर्माता समुदाय के साथ ही इंडस्ट्री के लिए और भी फायदेमंद साबित हो सके।
यूनिवर्सल म्यूजिक ग्रुप, इंडिया और साउथ एशिया के प्रबंध निदेशक और सीईओ, देवराज सान्याल ने कहा – “इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री के पब्लिशिंग बिजनेस में प्रभावी बदलाव के लिए, निष्पक्षता, पारदर्शिता और न्यायसंगत के लिए समान पारिश्रमिक के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आपको सभी प्रमुख खिलाड़ियों को एक साथ लाने की जरूरत है।
इसमें ऑनर पब्लिशर्स, और हमारे सम्मानित लेखक संगीतकार और अब मेरे प्यारे दोस्त भूषण और टी-सीरीज की टीम के लोग भी शामिल हैं जो आज आईपीआरएस में शामिल हो रहे हैं। जावेद साब, भूषण और मेरे सभी साथी बोर्ड मेंबर्स के साथ मुझे यकीन है कि अब हम रचनाकारों और कॉपीराइट ऑनर्स के लिए एक सुनहरा युग देखेंगे।
आईपीआरएस के सीईओ राकेश निगम ने कहा, “मुझे खुशी है कि टी-सीरीज आईपीआरएस में शामिल हो रहा है। इससे आईपीआरएस के लेखकों और संगीतकार सदस्यों को बहुत फायदा होगा। टी-सीरीज न सिर्फ संगीत और फिल्म इंडस्ट्री में मार्केट लीडर है, बल्कि यह एक बेहद सफल इंक्यूबेशन लैब भी है और बहुत से युवा प्रतिभाशाली रचनाकारों के लिए जमीन मुहैया करा रहा है, उनमें से सभी को आईपीआरएस के साथ जुड़ाव से फायदा होगा।