न्यूज डेस्क / नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बनाने वाली समिति के अध्यक्ष पद्म विभूषण डॉ के कस्तूरीरंगन ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की नई शिक्षा नीति लागू कराने में बड़ी भूमिका होगी। नई शिक्षा नीति लागू किए जाने के पीछे प्रमुख उद्देश्य यह है कि यह नीति प्रत्येक नागरिक के जीवन को छुए और न्यायपूर्ण तथा समानता भरे समाज की स्थापना करे।
डॉ. कस्तूरीरंगन ने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री से उनकी मुलाकात हुई थी जिससे उम्मीद जगी कि अब देश भर में नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। डॉ. कस्तूरीरंगन सोमवार को कर्नाटक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए जाने के अवसर पर बोल रहे थे। उन्होंने धर्मेन्द्र प्रधान की तारीफ करते हुए कहा कि देश को एक उर्जावान शिक्षा मंत्री मिला है इससे उम्मीद बढ़ गई है कि नई शिक्षा नीति पूरे देश में लागू हो जाएगी।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जब डॉ. कस्तूरीरंगन ने धर्मेन्द्र प्रधान से मुलाकात की थी इस दौरान भी नई शिक्षा नीति को लेकर चर्चा हुई थी। उस समय धर्मेन्द्र प्रधान ने ट्वीट कर खुशी जाहिर किया कि भारत को एक जीवंत ज्ञानवान समाज बनाने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिकल्पित 21वीं सदी के भारत के आकांक्षात्मक लक्ष्यों के साथ एक शिक्षा प्रणाली बनाने पर उनकी दूरदर्शिता काफी समृद्ध है।
प्रधान ने अपने ट्वीट में कहा था कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020, सीखने के परिदृश्य को बदलने, शिक्षा को समग्र बनाने और आत्मनिर्भर भारत के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए एक मार्गदर्शक दर्शन है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में जारी की गई थी। डॉ. के कस्तूरीरंगन इसे बनाने वाली समिति के चेयरमैन हैं। इसे पहले तक देश में 1984 की शिक्षा नीति के अनुसार शिक्षण कार्य हो रहा था।