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नारायणबगड़-परखाल-चोपता सड़क निर्माण में कार्यदायी द्वारा भारी अनियमिताए आ रही है सामने, ग्रामीणों ने तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा शिकायती पत्र

स्थानीय संपादक / नारायणबगड़ चमोली। नारायणबगड़ चोपता गांव के ग्रामीणों ने क्षेत्र के लिए बनी एक मात्र नारायणबगड़-परखाल-चोपता सड़क के सुधारीकरण कार्य में कार्यदायी संस्था पर भारी अननियमिताओं और ग्रामीणों की संपत्तियों व सरकारी परिसंपत्तियों को हो रहे भारी नुकसान से परेशान हो कर यहाँ तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजा है।

चोपता के ग्राम प्रधान के नेतृत्व में तहसील आये ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने पहले भी स्थानीय प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी इसकी शिकायत दर्ज कराई लेकिन कार्यदायी संस्था के खराब काम करने के तौर तरीकों पर कभी भी अंकुश नहीं लग सका।

मुख्यमंत्री को भेजे शिकायती पत्र में लिखा है कि सड़क सुधारीकरण के नाम पर घटिया किस्म का कार्य किया गया है तथा ग्रामीणों की कृषि भूमि व संपत्तियों को बिना डंपिंग ग्राउंड बनाए ही मलवा डालकर बर्बाद कर दिया गया है,तो वही प्राथमिक विद्यालय, इंटर कॉलेज और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पेयजल की लाइन व रास्तों को तहत नहस कर दिया गया है।

लिखा है कि पहले भी लिखित शिकायत दर्ज की गई है और लिखित में कार्य सुधारने की बात भी कार्यदायी संस्था द्वारा दी गई थी। परंतु सुधार नहीं किया गया। शिकायत की गई है कि बरसात के दौरान भी डामरीकरण किया जा जो कि हाथों हाथ उखड़ रहा है। ग्राम प्रधान ने कहा कि उनके गांव में लोगों की मकानों और गौशालाओं के आसपास कोई सुरक्षा दीवारों का निर्माण नहीं किया गया है और ना ही पानी की निकासी के लिए स्कवर ही बनाये गए हैं जिस कारण आये दिन बारिश का पानी लोगों के घरों व गौशालाओं मे घुस रहा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सडक पर जो भी आधे अधूरे कार्य किए गए हैं उनकी गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं हैं। ग्रामीणों ने नुकसान के मुआवजे दिए जाने की की बात भी कही है।

गौरतलब है कि पिछले साल से नारायणबगड़-परखाल-चोपता मोटर मार्ग पर 18 करोड़ से भी ऊपर की लागत से सुधारीकरण एवं डामरीकरण का कार्य जारी है। इसके शुरू होने के साथ ही यहां क्षेत्रों के ग्रामीण लगातार शासन प्रशासन से खराब गुणवत्ता वाले कार्यों की शिकायतें करते आ रहे हैं परंतु लोगों की शिकायतो पर हमेशा नजरें फेर ली गई। पूर्व विधायक डॉ जीतराम ने इस तरह के खराब गुणवत्ता के कार्य पर सबका मौन रहने के लिए सीधे सीधे सरकारी धन का दुरुपयोग और उसकी बंदरबांट करने की बात कही।

तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र सौपने के बाद चोपता गांव के ग्रामीणों का प्रतिनिधि मंडल पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता से समाधान करने की मांग को लेकर दूर कर्णप्रयाग गए। पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता प्रमोद गंगाड़ी ने दूरभाष पर बताया कि चोपता गांव के ग्रामीण सड़क निर्माण में खराब कार्यों की शिकायत लेकर उनसे मिले हैं और उन्होंने और कुछ समस्याओं के समाधान की मांग की है,कहा कि जल्दी ही चोपता गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक की जने का अश्वासन दिया है और उनकी जो भी समस्याएं होंगी उन्हें सुधारा जायेगा ।

साथ ही कहा कि जिन लोगों की जमीन या संपतियां सड़क निर्माण के कारण जद में आए है बैठक में ही अमीन के द्वारा चिंहित कर मुआवजा देने की प्रक्रिया भी सुरू कर दी जायेगी। इस अवसर पर तुनेड़ा की ग्राम प्रधान सुनीता देवी,भाजपा मंडल महामंत्री सरोप सिंह सिनवाल, अवतार सिंह सिनवाल, मोहन सिंह रावत, दिग्पाल सिंह रावत,गबरसिंह,महेन्द्र सिंह, महिपाल सिंह,पूर्व कनिष्ठ उप प्रमुख दलबीरसिंह रावत आदि सामिल थे।

रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा

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