Home उत्तराखण्ड निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाए सरकार- आरिफ खान

निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाए सरकार- आरिफ खान

न्यूज डेस्क / देहरादून। नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंटस राइट्स ने मनमानी करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि इस संबंध में कई बार शिक्षा विभाग ,शिक्षा सचिव ,राज्य बाल आयोग व जिलाधिकारी से शिकायत की गई किन्तु किसी विभाग की ओर से किसी भी स्कूल पर हाईकोर्ट व शासनादेशों की अवहेलना करने पर कार्यवाही नहीं की गयी।

जिसके कारण निजी स्कूलों के हौसले इतने बुलंद हो गए कि वो अभिभावकों का जमकर शोषण कर रहे हैं। आरिफ खान ने कहा कि यदि नए सत्र से पहले सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानियों पर अंकुश नही लगाया और अभिभावक चाहेंगे तो सरकार की दमनकारी शिक्षा नीतियों और शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदेश भर मे आक्रोश अभियान चलाया जाएगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी सरकार की होगी।

निजी स्कूलों की मनमानी और शिक्षा विभाग की अनदेखी को लेकर पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि शासन के आदेशानुसार सभी छात्रों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के लिए निजी स्कूलों को छूट दी गयी है। जिस पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए नेशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंस्ट्स राइट्स कहा कि सिर्फ 15 से 20 प्रतिशत छात्र ही अभी स्कूल जा रहे हैं और सरकार ने सभी छात्रों से फीस लेने की अनुमति निजी स्कूलों को दे दी है ऐसे मे जो छात्र विभिन्न कारणों के कारण स्कूल जाकर शिक्षा नही भी ले रहे हैं स्कूलों द्वारा उन पर भी फीस को लेकर दबाव बनाया जाएगा जो कि न्यायोचित नही है ।

कोरोना काल मे राज्य सरकार एवं उच्च न्यायालय ने निजी स्कूलों को अभिभावकों से सिर्फ ट्यूशन फीस लेने की अनुमति प्रदान करी है किंतु सरकार व उन स्कूलों को मान्यता देने वाले सम्बंधित बोर्ड द्वारा ट्यूशन फीस परिभाषित नही किये जाने से निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों से अपनी सम्पूर्ण मासिक फीस को ही ट्यूशन फीस बताकर मनमानी फीस वसूली की जा रही है ,साथ ही कई स्कूलों ने फीस व्रद्धि भी करी है। जबकि माननीय उच्च न्यायालय ने फीस व्रद्धि करने और ट्यूशन फीस के अलावा अन्य फीस लेने पर प्रतिबंध लगाया है किन्तु स्कूलों द्वारा मनमानी फीस अभिभावकों से वसूल कर उनका आर्थिक व मानसिक शोषण कर रहे हैं और जो बच्चे स्कूल नही भी गए हैं ,उनसे भी पूर्ण फीस वसूली की जा रही है।

नए सत्र मे होने वाले एडमिशन से भी तीन माह की फीस व अन्य मदों मे शुल्क जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। निजी स्कूलों द्वारा ये कहा जा रहा है जो अभिभावक फीस देने मे सक्षम नही हैं उनके बच्चों को या तो परीक्षा मे बैठने ही नही दिया गया। यदि किसी स्कूल ने परीक्षा दिलवा भी दी तो फीस जमा न होने के कारण उन छात्र छात्राओं के परीक्षाफल रोक दिए गये। कुछ स्कूलों ने तो बच्चों को फीस जमा न होने के कारण स्कूल के गेट से ही बिना परीक्षा दिए वापस लौटा दिया गया। यदि इस साल के अंदर नियामक आयोग और फीस एक्ट नही बनाया जाता तो इसका खामियाजा भी सरकार को ही भुगतना पड़ सकता है।

पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष योगेश राघव, राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय सचिव सोमपाल सिंह,प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट गीता शर्मा,प्रदेश उपाध्य दीपक मलिक, अध्यक्ष नवदीप गर्ग, महानगर उपाध्यक्ष गुरुजेंद्र सिंह, महानगर सचिव स्वाति, महानगर सचिव सुमित पुंडीर, दीप चन्द वर्मा, किरन नेगी, इत्यादि उपस्थित रहे।

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