बिहार के कलाकारों से सजी शॉर्ट फिल्म चंपारण मटन काफी चर्चा में है। इस फिल्म में बिहार के एक परिवार की कहानी को दिखाया गया है। वो परिवार जो चंपारण मटन को पकाने और उसे खाने के मकसद के इर्द-गिर्द घूमती है। भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) की बनाई गई इस फिल्म ने ऑस्कर अवॉर्ड्स के सेमीफाइनल में जगह बना ली है। इस फिल्म को खूब पसंद किया जा रहा है।
फिल्म की एक्ट्रेस फलक खान ने एक मीडिया संस्थान को एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री में नेपोटिज्म पर बात की। उन्होंने कहा, ‘स्टार किड्स को चांस देना गलत नहीं है, लेकिन मुझे तकलीफ तब होती है जब उनमें एक्टिंग की क्वालिटी नहीं होती है पर फिर भी वे 10-15 फिल्में कर लेते हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि एक्टर के बेटे में एक्टिंग की काबिलियत हो।’
अगर हम यहां चंपारण मटन की कहानी की बात करें तो चंपारण मटन’ फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है कि लॉकडाउन की वजह से नौकरी छूट जाने के बाद एक कपल अपने गांव लौटता है। उसे गांव के रहन सहन की ज्यादा आदत नहीं होती। इस दौरान उन्होंने काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। यह फिल्म दर्शकों को जोड़े रखती है।