न्यूज डेस्क / देहरादून। पर्यटन विभाग द्वारा द्वितीय चरण में ट्रैकिंग ट्रक्शन सेन्टर होम-स्टे नियमावली-2020 के प्राविधानों के अन्तर्गत जनपद बागेश्वर के खाती, जनपद पिथौरागढ़ के सरमोली-सुरिंग, जनपद चमोली के लोहाजंग एवं जनपद उत्तरकाशी के हर्षिल, सांकरी, अगोड़ा (कुल गांव 29) के पात्र व्यक्तियों को योजना का लाभ प्रदान किये जाने के लिए अधिसूचित किया गया है। चयनित आवेदकों को अटैच्ड टाॅयलेट सहित नये कक्षों के निमार्ण हेतु प्रति कक्ष रू0 60,000/- तथा पूर्व से निर्मित कक्षों के साज-सज्जा हेतु रू0 25,000/- प्रति कक्ष अधिकतम 06 कक्ष तक की राज सहायता प्रदान की जायेगी।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ट्रैकिंग ट्रक्शन सेन्टर होम-स्टे योजना का उद्देश्य ट्रैकिंग टूरिज्म की सम्भावनाओं वाले दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों हेतु आवासीय सुविधायें स्थापित करते हुए राज्य में साहसिक पर्यटन को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि राजकीय सहायता देकर सरकार स्थानीय लोगों को सशक्त कर रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके। पलायन को रोकने तथा ग्रामीण क्षेत्रों को पर्यटन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना कारगर सिद्ध होगी।
योजना का लाभ प्रदान किये जाने हेतु जनपद बागेश्वर के चयनित ट्रैकिंग ट्रक्शन सेन्टर खाती के अन्तर्गत ग्राम दऊ, जैकुनी एवं खातीय जनपद पिथौरागढ़ के ट्रैकिंग ट्रक्शन सेन्टर सरमोली-सुरिंग के अन्तर्गत सरमोली, सुरिंग, रिलकोट, मरतोली एवं मिलमय जनपद चमोली के ट्रैकिंग ट्रक्शन सेन्टर लोहाजंग के अन्तर्गत लोहाजंग, मुन्दोली, वाॅक, कुलिंग, दिदिना, वाण, वलाण, हिमनी एवं घेस को योजना का लाभ प्रदान करने हेतु अधिसूचित किया यगा है।
जनपद उत्तरकाशी के ट्रैकिंग ट्रक्शन सेन्टर हर्षिल, सांकरी एवं अगोड़ा के अन्तर्गत हर्षिल, बगोरी, धराली, मुखबा, सांकरी, कोट गांव, सांकरी सौड़, गंगाड़, ओसला, अगोड़ा, दन्दालका तथा निसणी गांवों के पात्र व्यक्तियों को योजना लाभ प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत जनपद उत्तरकाशी के ट्रैकिंग ट्रेक्शन सेन्टर हर्षिल में अधिसूचित गांव हर्षिल, बगोरी, धराली, मुखबा ग्रामों में निर्मित भवनों को स्थानीय वास्तुकला के आधार पर निर्माण किये जाने पर ही चयनित किया जायेगा।
सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने बताया कि लाभार्थियों का चयन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किया जायेगा और मूल्यांकन समिति के परीक्षण के उपरान्त जिलाधिकारी की संस्तुति से डी0बी0टी0 के माध्यम से अनुदान की राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में अन्तरित की जायेगी। सम्बन्धित जनपदों के जिला पर्यटन विकास अधिकारी चयन समिति के सचिव और मूल्याकंन समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगें।
लेखा परीक्षण के उद्देश्य से सम्बन्धित जिला पर्यटन विकास अधिकारी द्वारा समस्त अभिलेखों का संकलन किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि पर्यटन विभाग इस योजना के प्रति गम्भीरता का आंकलन इस आधार पर किया जा सकता है कि शासनादेश जारी करने के 02 माह की अवधि में उतरकाशी जनपद के डोडीताल ट्रैक मार्ग में स्थित अगोड़ा एवं दासना गांव के 08 लाभार्थियों का चयन किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य ट्रैकिंग टूरिज्म की सम्भावनाओं वाले दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटकों हेतु आवासीय सुविधायें स्थापित करते हुए राज्य में साहसिक पर्यटन को नई ऊँचाइयाँ प्रदान करना है।
राजकीय सहायता देकर सरकार स्थानीय लोगों को सशक्त कर रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके। कोविड काल में रोजगार की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण जनों को पर्यटन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह योजना लाभदायक सिद्ध होगी।