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पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि पर सरकार खामोश, लोगों का सफर हुआ मुश्किल

  • शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

जन संवाद ( बात जन मन की ) – आज हम उस विषय की चर्चा करने जा रहे है, जिससे आप जरूर प्रभावित और परेशान होंगे। लेकिन आपकी परेशानी और बिगड़ता बजट को लेकर फिलहाल न तो केंद्र सरकार न तेल कंपनियों को कोई सरोकार है। आम लोगों का तो अपने वाहनों से चलना भी मुश्किल हो गया है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि आम नागरिक अपनी बात किससे कहे। केवल सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इजहार कर रहा है। पिछले काफी दिनों से फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम और टि्वटर आदि पर मोदी सरकार के खिलाफ हजारों लोगों की प्रक्रियाएं देखी जा सकती हैं। आज बात करेंगे ईंधन की बढ़ती कीमतों पर।

पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और रसोई गैस के दाम बढ़ना क्या शुरू हुए कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। आम नागरिक पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को कम होने की हर रोज ‘आस’ लगाए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर बढ़ती कीमतों को लेकर मोदी सरकार ‘खामोश’ है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों को तय करने के लिए सरकार ने यह फैसला पिछले कई सालों से तेल कंपनियों पर छोड़ रखा है। देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य होगा जहां पेट्रोल 100 रुपये लीटर से पार न हो, वहीं डीजल भी कई राज्यों में सौ का आंकड़ा पार कर चुका है। अब आम लोगों को हर दूसरे या तीसरे दिन ही पेट्रोल-डीजल भरवाना पड़ रहा है। बता दें कि इसी महीने अक्टूबर में पेट्रोल-डीजल के भाव में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही है।

गुरुवार को भी पेट्रोल डीजल के रेट में 35 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी। आज फिर पेट्रोल और डीजल के दाम में 35 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। इसी महीने अब तक 17 बार से ज्यादा ईंधन की कीमतों में इजाफा किया गया है। महज तीन दिन को छोड़कर हर रोज पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़े हैं। सिर्फ अक्टूबर में ही पेट्रोल 5.15 रुपये महंगा हो गया है।

पेट्रोल की कीमत पहले से ही कई राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर है, जबकि डीजल की दरें भी तकरीबन एक दर्जन राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर को पार कर गई हैं। मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, ओडिशा, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का भाव 100 रुपये पार हो चुका है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत सबसे अधिक है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते रेट की वजह दैनिक उपभोग की वस्तुओं के कीमतों में भी बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है ।

फिलहाल राहत नहीं, अभी पेट्रोल-डीजल के दामों में और हो सकती है वृद्धि—

यह भी कहा जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल में अभी और इजाफा होना तय है। बता दें कि विदेशी मुद्रा दरों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमत के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमत प्रतिदिन अपडेट की जाती है। ऑयल मार्केटिंग कंपनियां कीमतों की समीक्षा के बाद रोज पेट्रोल और डीजल के दाम तय करती हैं।

इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम तेल कंपनियां हर दिन सुबह विभिन्न शहरों की पेट्रोल और डीजल की कीमतों की जानकारी अपडेट करती हैं। इसके अलावा खाना बनाने के रूप में उपयोग होने वाला घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत में उछाल आया है। वर्तमान समय में घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत एक हजार के पार हो गया है। गैस की कीमत अधिक होने से उज्जवला योजना के लाभार्थी गैस सिलेंडर छोड़ने लगे हैं।

बता दें कि राज्‍यों में पेट्रोल और डीजल के भाव में अंतर केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा लगाए टैक्‍स एवं ढुलाई के दाम की वजह से अलग अलग होता है। 10 से 15 हजार रुपये नौकरी करने वालों के लिए पेट्रोल और डीजल भरवाना इन दोनों काफी मुश्किल हो रहा है। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते रेट की वजह से दैनिक उपभोग की वस्तुओं के कीमतों में भी बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है। इसके अलावा रबी की फसल की तैयारियों के मद्देनजर किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। फिलहाल तेल कंपनियां जो संकेत दे रही हैं उससे लगता नहीं है कि जल्द पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में गिरावट आएगी।