न्यूज डेस्क / देहरादून। इस वर्ष पूरे विश्व में कोरोना महामारी के कारण संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने सातवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को ऑनलाइन “घर पर योग और परिवार के साथ योग” थीम पर करने का निर्णय लिया था। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से दो दिवसीय ऑनलाइन योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
- ऑनलाइन कार्यक्रम में योगाचार्य मनीष पॉल ने देश भर के 21721 लोगों को कराया योगाभ्यास
उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा आयोजित दो दिवसीय ऑनलाइन योग कार्यक्रम में योगाचार्य मनीष पॉल ने ऑनलाइन विभिन्न योगाभ्यास कराने के साथ योग का महत्व भी बताया। उन्होंने कहा कि योग ना सिर्फ शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूती देता है।
योग व्यायाम के सबसे प्रभावशाली रूपों में से एक है। आज के समय में स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए योग बहुत जरूरी है। योग में कई ऐसे योगासन हैं जिनसे की अलग-अलग विकारों को दूर किया जा सकता है। कोरोना से लड़ने के लिए योग ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ऑनलाइन कार्यक्रम को यूटीडीबी के विभिन्न सोशल मीडिया अकाउंट में प्रसारित किया गया। सोमवार को हुए ऑनलाइन कार्यक्रम में योगाचार्य ने देश भर के करीब 21721 लोगों को योगाभ्यास कराया।
ऑनलाइन योग कार्यक्रम के अवसर पर प्रदेशवासियो को संदेश देते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि योग भारत की ओर से पूरे विश्व को दिया अमूल्य उपहार है। पश्चिमी देशों ने भी योग के महत्व को स्वीकार करते हुए योग को अपनाया है।
इस मौके पर महाराज ने कहा कि घर पर योग, परिवार के संग योग थीम पर आधारित दो दिवसीय कार्यक्रम में देश भर से लोग ऑनलाइन जुड़े और योगाभ्यास करने के साथ योग का महत्व भी जाना। कोरोना के चलते बीते साल से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सार्वजनिक कार्य आयोजित नहीं किए जा रहे हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को लेकर लोगों में भारी उत्साह था।
जिसको ध्यान में रखते हुए यूटीडीबी की ओर से दो दिवसीय ऑनलाइन योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। योगाचार्यों ने दो दिन योग का महत्व बताने के साथ योगाभ्यास के टिप्स भी दिए।
घर पर रहकर प्रदेश वासियों ने परिवार संग शारीरिक दूरी का पालन करते हुए योग किया। प्रदेश सरकार योग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
जिसके लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय योग फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है। योग का मुख्य उद्देश्य स्वस्थ्य समाज का निर्माण करना है। उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन, योगा, ध्यान केंद्र, पंचकर्म, नेचुरोपैथी आदि की अपार संभावनाएं हैं।
ऐसे में सरकार की ओर से योगाभ्यास के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार के साथ अन्य पर्यटक स्थलों को भी तैयार किया जा रहा है। जिससे उत्तरराखंड को पूरे विश्व के लिए वेलनेस का मॉडल बनाया जा सके।