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भालूओं का लगातार मचा हुआ है आतंक, शासन-प्रशासन बजा रहे हैं चैन की बांसुरी

स्थानीय संपादक / नारायणबगड़/थराली चमोली। प्रखंड नारायणबगड़ के डुंगरी गांव में सुबह चारापत्ती लेने गई महिला पर भालु ने अचानक हमला कर लहुलुहान कर दिया,जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

डुंगरी गांव की धनुली देवी,आशा देवी, भुवनेश्वरी देवी,विमला देवी,सीता देवी,रामेश्वरी देवी,मूसी देवी आदि गांव के पास गोलखनी दैणीधार तोक में सुबह चारापत्ती लेने गई थी कि धनुली देवी पत्नी सबरसिंह उम्र 37 वर्ष पर भालू ने अचानक हमला कर दिया।

धनुली देवी की चीख-पुकार सुनकर साथ में दूसरी महिलाओं ने भालू पर पत्थर बरसाकर हो-हल्ला मचाया तब कहीं जाकर भालू ने महिला को घायल कर छोड़ दिया। महिलाओं ने बताया कि भालू के साथ उसका बच्चा भी था जिस कारण उसने धनुली देवी को छोड़ दिया।

ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह ने बताया कि महिलाओं ने फोन से गांव में सूचना दी और तब ग्रामीण धनुली देवी को निजी वाहन से परखाल बाजार तक ले गये जहां से 108 की मदद से महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नारायणबगड़ ले गये। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ नवीन डिमरी,डॉक्टर श्रेयश कुमार व फार्मेसिस्ट जगजीत सिंह नेगी ने बताया कि महिला के सिर पर कान के पास भालू ने गहरा जख्म कर दिया है जिसका उपचार किया जा रहा है।

वहीं बद्रीनाथ वन विभाग के अनुभाग अधिकारी तुलाराम सती ने सूचना मिलने पर अस्पताल में जाकर घायल महिला का हाल जाना और महिला के परिजनों को उपचार हेतु नियमानुसार मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।

वहीं दूसरी ओर थराली विकास खंड के ग्राम पंचायत डुंग्री,रुईसाण में भालुओं का लोगों पर हमला थमने का नाम नहीं ले रहा है परंतु लगता है इस पर भी शासन-प्रशासन व वन महकमा अभी भी चैन की बांसुरी बजाने में मसगूल हैं।

पिछले दिनों से जनपद चमोली के विभिन्न विकासखंडों में भालुओं ने लोगों पर लगातार हमला करके आतंक फैला रखी है।लोग बड़ी संख्या में लगातार जख्मी होकर जानें बचा रहे हैं परन्तु शासन-प्रशासन व वन विभाग ने जाने किन अनहोनियों का इंतजार कर रहे हैं।

अकेले विकास खंड थराली के रुईसाण ग्राम पंचायत में पिछले दिनों में छः सात लोगों पर भालुओं ने हमला कर बुरी तरह घायल किया है। जिनमें दो लोगों लखपत राम और गुदाली राम का अभी भी अलग अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।लखपत राम का इलाज ऋषिकेश में एम्स में चल रहा है।

इन लगातार भालुओं के हमलों से यहां के क्षेत्र वासियों ने शासन प्रशासन,वन महकमे से बार बार गुहार लगाई कि इन हिंसक भालुओं को मारने की अनुमति ली जाये या इनको पकड़कर दूसरी जगहों पर ले जाया जाए। परंतु लगातार बारदातों को अंजाम दे रहे भालुओं के आतंक से सभी जिम्मेदार स्स्थानों ने मौन धारण कर रखा है। जबकि इसी गांव में यह भालुओं की हमले की लगातार छठवीं घटना है।

और क्षेत्र पंचायत सदस्य दिगंबर देवराडी,सुनील रावत व स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां भालुओं के झुंड लगातार अलग अलग जगहों पर दिखाई दे रहे हैं जिस कारण चारों ओर दहशत फैली हुई है। कहते हैं कि शासन-प्रशासन और वन महकमे के इसी मौन धारण के कारण आज फिर से रुईसाण में भालूओं ने एक युवक और एक महिला पर फिर से हमला कर लहूलुहान कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रुईसाण निवासी विजय सिंह पुत्र हीरा सिंह पर उसके घर के पास ही भालू ने अचानक हमला कर दिया तो इसी गांव में रह रही नेपाली मूल की एक महिला नंदी देवी पर भी उसी समय दूसरे भालू ने हमला कर घायल कर दिया। परिजनों और ग्रामीणों ने घायलों को थराली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उपचार के लिए पहुंचाया। जहां उनका इलाज चल रहा है।

तो वहीं दूसरी तरफ विकास खंड नारायणबगड़ के डु़गरी गांव में आज ही गांव की दूसरी महिलाओं के साथ चारापत्ती लेने गई महिलाओं पर भी गांव के नजदीक बच्चों वाले भालू ने अचानक हमला कर दिया जिसमें धनुली देवी पत्नी सबरसिंह को घायल कर दिया।

धनुली देवी की चीख-पुकार सुनकर साथ की महिलाओं ने भालू पर पत्थर बरसाकर हो-हल्ला मचाया तब जाकर भालू महिला को छोड़कर भाग खड़ा हुआ। इससे महिला की जान बच पाई।इस तरह एक दिन में तीन घटनाओं को अंजाम दिया है हिंसक भालुओं ने जो कि चिंताजनक बात है।

इन दिनों हर रोज भालुओं को ग्रामीण आबादी के आसपास मंडराते देखे जाने की सूचनाएं प्राप्त हो रही हैं और इन हिंसक भालुओं के डर से स्कूलो के बच्चों को स्कूल भेजने में भी अभिभावकों का डर सता रहा है तो महिलाओं के लिए जंगल और खेत खलिहानों से चारापत्ती लकड़ी लाने जाने में भी डर बना हुआ है। परन्तु ऐसा लगता है कि जिम्मेदार संस्थाएं “रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था”वाली कहावत चरितार्थ करने पर आमादा हैं।

रिपोर्ट—- सुरेन्द्र धनेत्रा।