न्यूज डेस्क / देहरादून। देहरादून की रहने वाली डॉक्टर ज्योति नागपाल जो अभी सात महीने की गर्भवती है। इसके बावजूद भी वह दिल्ली में कोरोना संक्रमितो की सेवा कर रही। वह दिन रात कोरोना संक्रमितो को बचाने के लिए अन्य डॉक्टर व नर्स के साथ मरीजों के उपचार एवं देखभाल में लगी हैं। उन्होंने अपनी जिंदगी मे हर चेतावनी का डटकर सामना करना सीखा है।
डॉक्टर ज्योति नागपाल को अपने डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर जस्सल व अन्य सहकर्मी बहुत हिम्मत देते है। ज्योति नागपाल इस समय दीप चन्द बन्धु हॉस्पिटल ने कार्यरत है।
यह जो कोरोना का बायोलॉजिकल वार है इसमें वह खुद भी एक बार संक्रमित हो चुकी है, लेकिन संक्रमित होने के बावजूद भी वह लोगों की सेवा करती रही एवं अपने जिम्मेदारी को निभाती रही।
एक वक्त ऐसा भी आया कि जब उनके माता और पिता भी कोरोना से संक्रमित हो चुके थे एव उनकी देखभाल में लगी डॉक्टर ज्योति भी कई बार बहुत बीमार भी हो गई थी।
परंतु उन्होंने अपने माता-पिता की सेवा करना नहीं छोड़ी और साथ ही साथ अस्पतालों में अपने मरीजों के प्रति जो उनकी जिम्मेदारी थी उनका भी वह डटकर सामना किया और 24 घंटे अपनी मरीज की सेवा करती रही।
कई बार उनके प्रेगनेंसी में भी काफी दिक्कतें आई और स्थिति क्रिटिकल हो गई फिर भी वह हिम्मत नहीं हारी। कई वार स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि ऑक्सीजन में लगे होने के बावजूद भी वह अपने माता-पिता और अपने मरीजों के हाल-चाल भी पूछती रही और उनकी देखभाल करती रही।
वे कहती है ’मैं मुसाफिर हूं, यह रास्ते सबके हिस्से नहीं आते, जिस्म थक गया है लेकिन मैंने कदम पीछे नहीं हटाए, जो भी हो अब रुकना नहीं।