न्यूज डेस्क / देहरादून। वर्तमान में कोरोना महामारी अपने चरम पर है तथा प्रदेश में रोज सैकडों मामले बढ़ते जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा राजकीय दून मेडिकल काॅलेज तथा एम्स को कोविड हास्पिटल बनाया गया है। राज्य में पूरी तरह से ध्वस्त स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते तथा चिकित्सालयों के खस्ताहाल, डाॅक्टरों की कमी की वजह से मात्र शक्ति को सड़कों पर तथा शौचालयों में प्रसव करने को मजबूर होना पड़ा रहा है।
राजकीय दून चिकित्सालय में गम्भीर बीमारियों में प्रयोग किये जाने हेतु एक्स.रे मशीन, सी.टी स्कैन मशीन तथा अन्य उपकरण कई महीनों से कोरोना मरीजों के भर्ती होने के कारण बंद पड़े हैं जिसके चलते मरीजों को जगह-जगह धक्के खाने पड़ रहे है। इसके विरोध में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया व सरकार का पुतला फूंका।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों को बिना इलाज के घर भेजा जा रहा है जिस कारण कोरोना गांवों की ओर तेजी से फैल रहा है।उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में पंजीकृत छोटे बडे चिकित्सकों की ओ.पी.डी खुलवाई जानी चाहिए ताकि लोगों को कम दरों पर कोरोना, डेंगू टेस्ट व इलाज कराने की सुविधा मिल सके। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सभी चिकित्सालयों में डाॅक्टरों, चिकित्सा कर्मियों व सफाई र्कमचारियों की समुचित तैनाती की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों में सफाई की व्यवस्था सुचारू नहीं हो पा रही है तथा जगह जगह गंदगी फैली हुई है। अधिकांश मरीजों को चिकित्सालयों में दवाईयां भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है उन्हें बाहर से दवाईयां खरीदनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले से ही आरोप लगाती आई है कि राज्य की स्वास्थ्य सेवायें चैपट हो चुकी हैं। चिकित्सालयों में न तो चिकित्सक हैं और न ही चिकित्सा कर्मी चिकित्सालय में ऑक्सीजन की कमी के चलते आम आदमी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है, कभी बेड के अभाव में तो कभी चिकित्सक के अभाव में आम इंसान हताश एवं निराश है।
राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्थायें पहले से बदहाल थी अब कोरोना महामारी के चलते पूर्ण रूप से चरमरा चुकी हैं। ऋषिकेश एम्स कोरोना मरीजों के लिए मौत का कुंआ बनता जा रहा है। पूर्व पूर्व विधायक राजकुमार नें कहा विश्व स्तरीय चिकित्सा का दावा करने वाले ऋषिकेश एम्स में कोरोना से संक्रमित मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है।
राजकीय दून मेडिकल काॅलेज मे भर्ती कोरोना मरीजों को बेड एवं ऑक्सीजन के अभाव में अपनी जान से हाथ धोना पढ़ रहा है जिससे मरीजों का स्वास्थ्य अच्छा होने की बजाय और बिगड़ रहा है। अधिकांश मरीजों को चिकित्सालयों में दवाईयां भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है उन्हें बाहर से दवाईयां खरीदनी पड़ रही है। स्वास्थ्य विभाग खुद मुख्यमंत्री के अधीन है लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे है।
राज्य में पूरी तरह से ध्वस्त स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते तथा चिकित्सालयों के खस्ताहाल, डाॅक्टरों की कमी की वजह से मात्र शक्ति को सड़कों पर तथा शौचालयों में प्रसव करने को मजबूर होना पड़ा रहा है। उन्होनें कहा कोविड केयर सेंटरो में पर्याप्त व्यवस्थाये ना होने के चलते आमजन परेशान हैं।
उन्होनें राज्य सरकार से मांग की कि राज्य की चिकित्सा व्यवस्था सुचारू की जाय तथा चिकित्सालयों में आवश्यक चिकित्सक, चिकित्सकीय उपकरण, डालेसिस की सुविधा तथा दवावों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। पुतला दहन में पूर्व विधायक राजकुमार, रोहित चौधरी, नीरज त्यागी, प्रवीन त्यागी, बलराज बामरी, अरूण कुमार शर्मा, डाॅ विजेन्द्र पाल, अर्जुन सोनकर, जगदीश धीमान, रोहित चौधरी, राजेन्द्र धवन, राम कपूर, अनूप कपूर, सुनील बांगा, डाॅ प्रतिमा सिंह, कोमल वोहरा, अमृता कौशल, अनिल बस्नेत, राहुल पंवार राॅबिन, प्रियांश छाबड़ा, अर्जुन रावत, भूपेन्द्र नेगी, आशीष सक्सेना, अरूण कुमार शर्मा, धीरेन्द्र सावन, अनुराधा तिवारी, अमन बतरा, शालिन बंसल, विपिन गोयल, राहुल कुमार, सुमित, अविनाश मणि त्रिपाठी, आशीष मौर्य आदी मौजूद थे