Home उत्तराखण्ड साहसिक पाठ्क्रम के संचालन के लिए यूटीडीबी और नीम के बीच हुआ...

साहसिक पाठ्क्रम के संचालन के लिए यूटीडीबी और नीम के बीच हुआ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर,युवाओं को ट्रेकिंग के जरिए मिलेगा रोजगार

  • नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के अनुभवी प्रशिक्षक ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर के चिन्हित गांव के पर्वतारोहण तथा ट्रैकिंग गाईड की ट्रेनिंग देगें

न्यूज डेस्क / देहरादून। उत्तराखंड में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए देश-दुनिया को दर्जनों नामचीन पर्वतारोही देने वाले उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) युवाओं को कम और अधिक ऊंचाई पर ट्रेकिंग और पहाड़ पर चढ़ने और राहत और बचाव की बारीकियां सिखाएगी। इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी) और निम के बीच गुरुवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर यूटीडीबी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) कर्नल अश्विन पुंडीर और निम के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट सेना मेडल की उपस्थिति में किए गए।

एमओयू के तहत निम के अनुभवी प्रशिक्षक यूटीडीबी के साहसिक खेल विंग के साथ मिलकर उत्तराखंड के युवाओं को गाइड की ट्रेनिंग, पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, साहसिक गतिविधियों के अंतर्गत चिकित्सा पहलू सहित अन्य संबद्ध विषयों के क्षेत्र में सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण देंगे। प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम पूरा होने के बाद युवाओं को निम और यूटीडीबी द्वारा संयुक्त रूप से पाठ्यक्रम पूर्णता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए निम और यूटीडीबी की ओर से परामर्श सेवा और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी, जो साहसिक, पर्वतारोहण और अनुसंधान गतिविधियों और आयोजनों के संचालन में विशेषज्ञता को बढ़ाने में मदद करेगा। साथ ही दोनों संगठनों की संयुक्त कमेटी प्रशिक्षण, अनुसंधान और अन्य आयोजनों में आगे के विकास और सुधार के लिए अपनी सिफारिशों की निगरानी करने के साथ अपने सुझाव देगी।

 

ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर को अधिसूचित गावों के इच्छुक उम्मीदवारों को पहले मिलेगा मौका

उत्तराखंड में पर्यटन को उद्योग के रूप में विकसित करने और स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम स्टे योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत छह जिलों में 13 ट्रैकिंग सेंटर से 73 गावं अधिसूचित किए गए हैं। ऐसे में एमओयू के तहत प्रशिक्षण लेने के लिए ट्रेकिग ट्रैक्शन सेंटर के इच्छुक उम्मीदवारों को पहले आओ पहले पाओ के तहत मौका दिया जाएगा। इन उम्मीदवारों का चयन उत्तराखंड के सभी जिलों के साहसिक खेल अधिकारी व जिला पर्यटन अधिकारी द्वारा किया जाएगा।

         पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज

इन पाठ्यक्रमों के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम 35 वर्ष के बीच होगी। प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने पर उम्मीदवारों को संबंधित जिला पर्यटन अधिकारी द्वारा विभिन्न ट्रेकिंग ट्रैक्शन सेंटर/ट्रैकिंग मार्गों पर ट्रेकिंग गाइड के रूप में काम करने के लिए एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान होने वाले व्यय का 90 प्रतिशत अनुदान विभाग द्वारा दिया जायेगा वहीं 10 प्रतिशत अनुदान उम्मीदवारों को देना होगा।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘यूटीडीबी व निम के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर एक अच्छी पहल है। निश्चित रूप से राज्य के युवा नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) से प्रशिक्षण पाकर साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगे। स्थानीय युवा गाइड की ट्रेनिंग लेकर देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को राज्य की संस्कृति से रूबरू करा पायेंगे, जिससे पर्यटन की आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, ‘‘साहसिक पर्यटन उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है। उपरोक्त एमओयू पर हस्ताक्षर होना राज्य के साहसिक पर्यटन क्षेत्र में एक नवीनतम कदम है, जो राज्य में साहसिक पर्यटन को नई ऊचाईयां देगा। इस पहल के जरिए उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को एक नई पहचान मिलेगी।

कर्नल अश्विन पुंडीर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक पर्यटन) ने कहा, ‘‘उत्तराखंड में साहसिक खेलों की अपार संभावना हैं। प्रदेश भर के युवाओं को इससे जोड़कर उन्हें साहसिक खेलों में भविष्य बनाने में मदद की जाएगी।

एमओयू के तहत निम के अनुभवी प्रशिक्षक प्रदेश भर के युवाओं को गाइड की टेªनिंग, पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, साहसिक गतिविधियों के अंतर्गत चिकित्सा पहलू सहित अन्य संबद्ध विषयों के क्षेत्र में सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण देंगे।

निम के प्रिंसिपल कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि, ‘‘निम में अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। यूटीडीबी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर के साथ युवाओं को तैयार किया जायेगा जिससे पर्यटन के नये आयाम खुलेंगे। देश विदेश से आने वाले सैलानियों व साहसिक खेलों में रूचि लेने वाले पर्यटकों को विशेषज्ञ गाइड मिलेंगे।

रनबीर सिंह नेगी, थल क्रीड़ा विशेषज्ञ ने कहा, ‘‘उत्तराखंड में साहसिक खेलों के प्रति बढ़ती युवाओं की रूचि और रोजगार के नए अवसरों को ऊंचाई तक पहुंचने के लिए पंख लगेंगे। इसका सीधा सकारात्मक लाभ प्रदेश के रोजगार और यहां की आर्थिकी को मिलेगा।

एमओयू पर हस्ताक्षर के दौरान पर्यटन निदेशक वित्त जगत सिंह चौहान, पर्यटन निदेशक अवस्थापना ले.क. दीपक खण्डूडी, अपर निदेशक पूनम चंद, अपर निदेशक विवेक सिहं चौहान, उपनिदेशक योगेन्द्र कुमार गंगवार, वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत, रमेश सेमवाल मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सहित पर्यटन विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।