बीएसएनके न्यूज / नारायणबगड़,चमोली डेस्क। खांकरखेत-कौनपुरगढी पर्यटन विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित होने वाले दो दिवसीय पर्यावरण फेस्टिवल को विश्व पर्यावरण दिवस पर गैनसैण पर्यटन स्थल में आयोजित किया जाएगा।
खांकरखेत-कौनपुरगढी पर्यटन विकास समिति के रघुवीर सिंह और बीजेंद्र मनेषा ने जानकारी देते हुए बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर क्षेत्र के रमणीय स्थल गैनसैण में दो दिवसीय ग्रीष्मकालीन “खांकरखेत-कौनपुरगढी पर्यटन फेस्टिवल का आगाज होगा।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यटकों को यहां के सौंदर्य और रमणीक स्थलों की ओर आकर्षित करना,पर्यावरण संबर्द्धन एवं संरक्षण, खांकरखेत-कौनपुरगढी के एक बड़े एतिहासिक और सौंदर्यपूर्ण सर्किट क्षेत्रफल को पर्यटन मानचित्र पर स्थान दिलाने के साथ- साथ संपूर्ण क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से आगे बढ़ाना है। ताकि देश-विदेश के सैलानियों का इस क्षेत्र में आवागमन हो सके जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार की संभावनाएं बललती और सुदृढ़ बन सके।
बताया कि इस बार फैस्टिवल के शुभारंभ पर सर्वप्रथम भगवान विनायक कौलानाग की प्राचीन शिला मूर्ति की पुनर्स्थापना की जाएगी।तदुपरांत वृहद स्तर पर वृक्षारोपण,रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम,पर्यावरण संबर्द्धन एवं संरक्षण जागरूकता संवाद, विभिन्न स्तर की सद्भावना खेला प्रतियोगिताएं आदि आयोजित किए जाएंगे।
बताते चलें कि खांकरखेत-कौनपुरगढी क्षेत्र का सौंदर्य एक बहुत बडे क्षेत्रफल में फैला हुआ है जो उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण,भराड़ीसैंण से लेकर कुमाऊं के अल्मोड़ा,बागेश्वर,पोड़ी जनपदों की सीमाओं से आपस में जुड़े हुए हैं जहां पर्यटक ट्रैकिंग,कैंपिंग,वर्ड वाच,विभिन्न स्थलाकृतियों,बर्फीली हिमालय की चोटियों, एवं प्राकृतिक सौंदर्य और यहां की स्थानीय संस्कृति को जीवंत रूप में जानने तथा समझने का लुत्फ उठा जा सकता है।
इसी के साथ पर्यटक और स्थानीय लोग कौनपुरगढी के ऐतिहासिक महत्व को भी करीब से जान और समझ सकते हैं। वर्तमान में खांकरखेत-कौनपुरगढी पर्यटन विकास समिति के लोग इस पूरे भूभाग को पर्यटन सर्किट के रूप में स्थापित करने के लिए संघर्षरत हैं।
ग़ौरतलब है कि खांकरखेत-कौनपुरगढी पर्यटन विकास समिति के अनुसार गढ़वाल के तत्कालीन राजाओं से संबंधित कोनपुरगढी के ऐतिहासिक खंडहरों को लेकर पर्यटन विभाग और पुरातात्विक विभाग भी कई बार यहां सर्वेक्षण एवं शोध कर चुके हैं। समिति ने बताया कि पांच जून को आयोजित होने वाले फेस्टिवल में पर्यटन विभाग और वन विभाग सिरकत करेंगे।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक