Home उत्तराखण्ड आदि गौरव महोत्सव के दूसरे दिन जनजातीय सांस्कृतिक वैभव का प्रदर्शन

आदि गौरव महोत्सव के दूसरे दिन जनजातीय सांस्कृतिक वैभव का प्रदर्शन

Display of tribal cultural splendor on the second day of Aadi Gaurav Mahotsav
Display of tribal cultural splendor on the second day of Aadi Gaurav Mahotsav

बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। ‘आदि गौरव महोत्सव 2023’ का दूसरा दिन मनमोहक आदिवासी सांस्कृतिक प्रदर्शनों के साथ शुरू हुआ, जिसने उत्तराखंड के आदिवासी समुदायों की समृद्ध विरासत को जीवंत किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल उपस्थित रहे।

जनजातीय अनुसंधान संस्थान (टीआरआई) उत्तराखंड द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी, जो प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से रात 10 बजे तक आगंतुकों के लिए खुलती है, में जनजातीय संस्कृति और हस्तशिल्प का जीवंत प्रदर्शन देखा गया।

दूसरे दिन आगंतुकों की भारी भीड़ देखी हुई, जिन्होंने मौजूद स्टालों का लुत्फ़ उठाया। मौजूद स्टालों में प्रॉडक्ट्स की विस्तार श्रृंखला देखी गई, जिनमें कपड़े, लकड़ी की कलाकृतियाँ, घर की सजावट का समान, पहाड़ी व्यंजनों और कई चीज़ें शामिल थे। कार्यक्रम के दौरान जौनसारी, भोटिया, बक्सा, थारू और राजी सहित राज्य के विभिन्न आदिवासी समूहों ने पूरी शाम मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं।

दर्शकों को संबोधित करते हुए, मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, “तीन दिवसीय प्रदर्शनी – आदि गौरव महोत्सव 2023 – हमारी समृद्ध आदिवासी विरासत को ख़ूबसूरती से दर्शा रहा है। इस सांस्कृतिक उत्सव के माध्यम से बिरसा मुंडा की विरासत को याद करने के लिए टीआरआई उत्तराखंड द्वारा यह एक सराहनीय पहल है।

Display of tribal cultural splendor on the second day of Aadi Gaurav Mahotsav
Aadi Gaurav Mahotsav

शाम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध लोक गायिका माया उपाध्याय का मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन रहा, जिन्होंने सांस्कृतिक भव्यता में संगीतमय स्पर्श जोड़ा।

अपने विचार व्यक्त करते हुए टीआरआई उत्तराखंड के निदेशक एसएस टोलिया ने कहा, “आदि गौरव महोत्सव एक ऐसा मंच है जो हमारी आदिवासी संस्कृति की विविधता और जीवंतता का जश्न माना रहा है। आदिवासी समुदायों और आगंतुकों दोनों के उत्साह और भागीदारी को देखना हमारे लिए बेहद खुशी की बात है।

टीआरआई उत्तराखंड के समन्वयक राजीव कुमार सोलंकी ने कहा, “आदि गौरव महोत्सव में सांस्कृतिक जीवंतता और उत्साह को देखकर हमें बेहद खुशी है। यह उत्सव न केवल हमारी आदिवासी विरासत का सम्मान करता है, बल्कि विविध समुदायों के बीच एकता और गौरव की भावना को भी बढ़ावा देता है। यह हमारी सांस्कृतिक टेपेस्ट्री की समृद्धि का एक प्रमाण है।

कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त निदेशक योगेन्द्र रावत और उत्तराखंड के समाज कल्याण सचिव बी के संत सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल रहे।

प्रदर्शनी के अंतिम दिन, यानी 17 नवंबर को, आगंतुक ‘गढ़ रतन’ नरेंद्र सिंह नेगी और जौनसारी गायिका रेशमा शाह सहित प्रसिद्ध लोक गायकों के प्रदर्शन का आनंद ले सकते हैं।