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अभिनेता प्रियांशु पैन्यूली ने डाउन सिंड्रोम और विशिष्ट आवश्यकताओं वाले व्यक्तियों के साथ बांटी खुशी

Actor Priyanshu Panuli shares happiness with people with Down syndrome and special needs

 

बीएसएनके न्यूज डेस्क / देहरादून। पल्लव दिव्यांग विकास ट्रस्ट ने आज देहरादून के नवादा मल्टी-स्पोर्ट्स अरेना में डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों के लिए एक जीवंत और आकर्षक खेल कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर प्रसिद्ध अभिनेता प्रियांशु पैन्यूली मौजूद रहे, जिन्हें “मिर्ज़ापुर 2” सीरीज में उनके द्वारा निभाए गए मशहूर किरदार रोबिन के लिए जाना जाता है।

पल्लव दिव्यांग विकास ट्रस्ट, प्रियांशु के पिता, सेवानिवृत्त कर्नल वीके पेनयुली और उनके परिवार के नेतृत्व में एक अनोखी पहल है, जिसका उद्देश्य डाउन सिंड्रोम और विशिष्ट जरूरतों वाले बच्चों और वयस्कों की सहायता करना और उनके बारे में जागरूकता पैदा करना है। देहरादून में स्थापित, यह संगठन विशिष्ट आवश्यकता वाले लोगों को बढ़ावा देने, समझने और समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है।

इस कार्यक्रम ने विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों और वयस्कों को आनंददायक खेलों और गतिविधियों में भाग लेने के लिए एक मंच प्रदान किया।

प्रियांशु पैन्यूली ने अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा, “यह पहल मेरे भाई पल्लव पैन्यूली से प्रेरित हुआ था, जिन्हें बेंगलुरु में डाउन सिंड्रोम वाले बच्चे के रूप में बड़े होते हुए भी कई कौशल सीखने का मौका मिला और जिनसे उन्होंने आत्मविश्वासपूर्ण जीवन जीना सीखा। मैंने देखा है कि पल्लव जैसे कई विशिष्ट आवश्यकताओं वाले वयस्क हैं जो सही कौशल प्रदान किए जाने पर बड़ी ऊँचाइयों को प्राप्त कर सकते हैं।

हम ऐसे बच्चों और वयस्कों व उनके परिवार वालों की सहायता करने का उद्देश्य रखते हैं, ताकि देहरादून में उनके जीवन में परिवर्तन आ सके। आज इन अद्भुत बच्चों द्वारा रविवार को दिखाई गई उत्साह और सकारात्मकता वास्तव में दिल को छू गई। मेरा मानना है कि खुशी और समावेशिता के पल बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं इस प्रयास का हिस्सा बनकर कृतज्ञ हूं और इसे बढ़ावा देने के लिए हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूँगा।

पल्लव दिव्यांग विकास ट्रस्ट के पीछे प्रेरक शक्ति, सेवानिवृत्त कर्नल वी के पेनयुली ने कहा, “हमारा उद्देश्य एक ऐसा समाज बनाना है जहां हर किसी को उनकी विकलांगताओं की परवाह किए बिना गले लगाया जाए और समर्थन दिया जाए। आज का यह कार्यक्रम इसी दृष्टिकोण की दिशा में एक अहम पहल था।