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पहली बार अंटार्कटिक के पास मिला बर्ड फ्लू, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने स्तनधारियों में वायरस को पहचाना

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बीएसएनके न्यूज डेस्क/अंतरराष्ट्रीय :-  एच5एन1 का संदेह पहली बार अक्तूबर में दक्षिण जॉर्जिया के उत्तर-पश्चिमी तट के एक द्वीप पर तब हुआ था जब कई भूरे स्कुआ पक्षियों की मौत हो गई थी। इसके बाद हाथी और सीलें भी मरने लगे। वैज्ञानिकों ने कहा, हाथी फर सील, भूरे स्कुआ, केल्प गल्स का टेस्ट भी सकारात्मक निकला है।

ब्रिटेन की पशु-पादप स्वास्थ्य एजेंसी (एपीएचए) ने कहा है कि उप-अंटार्कटिक में स्तनधारियों के भीतर पहली बार बर्ड फ्लू मिला है। इससे वायरस फैलने की चिंता बढ़ गई है। क्षेत्र में अन्य वन्यजीवों की बड़ी आबादी भी खतरे में है। उसने कहा, रोगजनक एवियन इन्फ्लूएंजा दक्षिणी अटलांटिक क्षेत्र के दक्षिण जॉर्जिया द्वीप पर हाथी व फर सील में पाया गया है।

‘एपीएचए’ गत वर्ष पहली बार शक होने के बाद से क्षेत्र में स्तनधारियों में बर्ड फ्लू का परीक्षण कर रही थी। वैज्ञानिक इयान ब्राउन ने कहा, अंटार्कटिक एक अनोखा और विशेष जैव विविधता वाला हॉटस्पॉट है, इसलिए इस क्षेत्र में स्तनधारियों में बीमारी फैलती देखना दुखद  है।

कई पक्षी, स्तनधारी मारे गए
गत वर्ष यूरोप, अमेरिका, जापान और दक्षिण अमेरिकी देशों में एवियन फ्लू का प्रकोप हुआ, जिसमें हजारों पक्षी व स्तनधारी मारे गए। इसके प्रसार को रोकने के लिए पिछले वर्षों में लाखों जानवरों को भी मार दिया गया। इन्हें लेकर अब भी शक है।

अमेरिका के प्रवासी पक्षी एक कारण
एच5एन1 का संदेह पहली बार अक्तूबर में दक्षिण जॉर्जिया के उत्तर-पश्चिमी तट के एक द्वीप पर तब हुआ था जब कई भूरे स्कुआ पक्षियों की मौत हो गई थी। इसके बाद हाथी और सीलें भी मरने लगे। वैज्ञानिकों ने कहा, हाथी फर सील, भूरे स्कुआ, केल्प गल्स का टेस्ट भी सकारात्मक निकला है।

ऑक्सफोर्ड में निपाह वायरस टीके का मानव परीक्षण शुरू
ऑक्सफोर्ड विवि ने कहा, उसने मस्तिष्क में सूजन लाने वाले निपाह वायरस के खिलाफ एक प्रायोगिक टीके का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है। भारत के केरल व एशिया में इसका प्रकोप हुआ था।