बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़,चमोली । गांव व स्कूलों के पास स्टोन क्रेशर लगाए जाने का ग्रामीणों ने विरोध कर जिलाधिकारी से की निरस्त करने की कार्रवाई करने की गुहार लगाई है।
विकास खण्ड पटवारी क्षेत्र कुलसारी में ग्राम पंचायत जबरकोट,पास्तोली व ताजपुर के गांवों एवं राजकीय प्राथमिक विद्यालय,आंगनबाड़ी केंद्र के पास लग रहा स्टोन क्रेशर का यहां के ग्रामीण बहुत लंबे समय से विरोध कर रहे हैं लेकिन उसके बावजूद भी स्टोन क्रेशर लगाए जाने की प्रक्रिया जारी है।
ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी थराली के माध्यम से जिलाधिकारी चमोली को इस आशय का ज्ञापन भेजा है कि उनके ग्रामीण क्षेत्र में स्टोन क्रेशर लगाने के हो रही खुदाई आदि ने उनके जल स्रोतों के सारे रास्ते बदल गये हैं जिससे उनके गांवों में पानी की समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग में कहा है कि जिस स्थान पर स्टोन क्रेशर लग रहा है उसके 50-60 मीटर की दूरी पर राजकीय प्राथमिक विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र भी है।
जहां उनके नौनिहालों की पढ़ाई पर इसके शोरगुल के असर से प्रभावित हो रहा है। यहीं नहीं उन्होंने लिखा है कि उसके ठीक नीचे राजकीय पालीटेक्निक व राजकीय इण्टर कॉलेज भी है जिसके भविष्य में इसके धूल धक्कड़ से प्रभावित होने की पूरी आशंका है।और हरे पैडों को भी बेतहाशा मिट्टी में दबाए जा रहे है।
ग्रामीणों ने कहा है कि स्टोन क्रेशर के लिए चयनित भूमि के आसपास ही ग्रामीणों की कृषि भूमि भी है। वह भी प्रभावित हो गई है और खेती पर निर्भर लोगों के सामने राजी रोटी की सयस्या भी खडी हो रही है। ज्ञापन में कहा गया है कि जिस स्थान पर स्टोन क्रेशर लग रहा है। उसके आसपास पहले से ही भूस्खलन क्षेत्र भी है और अगर स्टोन क्रेशर का भंडारण का दबाव यहां बढ़ेगा तो यहां भूस्खलन से बूढाडांग,जबरकोट,पास्तोली के गांवों को खतरा उत्पन्न हो जायेगा। लोगों का कहना है कि भविष्य में स्टोन क्रेशर के धूल धक्कड़ से पर्यावरण तो दूषित होगा ही साथ ही बुजुर्ग बिहार लोगों और प्रसूता महिलाओं व बच्चों को भारी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा।
लोगों ने डीएम से अनुरोध किया है कि एक सप्ताह के भीतर स्टोन क्रेशर को निरस्त किया जाए और चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह में ऐसा नहीं होता है तो वे बाल बच्चों सहित धरने पर बैठ जाने को विवश होंगे। ज्ञापन में ग्राम प्रधान विजय लक्ष्मी, सरपंच कल्पना देवी,कपूर सिंह,संजय भंडारी,पंकज रावत आदि के मुहर व हस्ताक्षर हैं।
रिपोर्ट- सुरेन्द्र धनेत्रा ,स्थानीय संपादक