बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़,चमोली। नारायणबगड़ -परखाल-चोपता मोटर मार्ग कई जगहों पर बड़े दुर्घटनाओं को खुला निमंत्रण दे रहा है, बावजूद इसके क्षेत्रवासी जान जोखिम में डालकर यातायात करने के लिए विवश हैं।
दरअसल पिछले दो तीन सालों पहले नारायणबगड़ परखाल चोपता मोटर मार्ग लोनिवि से पीएमजीएसवाई को हस्तांतरित होकर पीएमजीएसवाई के अंतर्गत सुधारीकरण का कार्य किया गया था। लेकिन दो साल से बरसात के दौरान उक्त मोटर मार्ग पर बहुत सारे जगहों पर सड़क की दीवारें टूटी पड़ी है और कई स्थानों पर पहाड़ी का मलवा पत्थर पसरे हुए हैं जो कभी भी गंभीर हादसों को अंजाम दे सकते हैं। हालांकि अभी भी यह सड़क कार्यदाई संस्था के अनुरक्षण में है परंतु वह भी इनको सुधारने के नाम पर कुछ स्थानों पर मलवा ही हटा दें रही है।
नारायणबगड़ ब्लॉक मुख्यालय के ऊपर से भी पिछले दो साल से बड़ा पुस्ता टूटा पड़ा है। जिसका मलवा पत्थर ब्लाक मुख्यालय के परिसरों तक पसरे हुए हैं। बृहस्पतिवार देर शाम को इसी स्थान पर एक पिक-अप ट्राला वाहन चालक की सूझबूझ से ब्लाक मुख्यालय में पलटने से बाल बाल बच गया।गनीमत रही कि वाहन खाली था जिस कारण उसके एक तरफ के दौनों टायर टूटी हुई सड़क से बाहर हो जाने के बावजूद नीचे खाई में गिरने से बच गया। पीएजीएसवाई के कनिष्ठ अभियंता टीएस कनवासी से नारायणबगड़ परखाल चोपता मोटर मार्ग पर हादसों को न्योता दे रहे स्थानों को ऐसे ही छोड़ देने के संबंध में दूरभाष पर पूछने पर उन्होंने बताया कि इस मोटर मार्ग पर जितने भी पुस्ते टूटे हुए हैं वे सभी पिछले बरसात के समय के हैं और वह सभी पिछले लोनिवि के समय के है।
जिस कारण नयीं कार्यदाई संस्था के पास इनको ठीक करने का अनुबंध नहीं है।कहा कि सभी ध्वस्त दीवारें बड़े बजट मिलने पर ही उनका ट्रीटमेंट संभव है। कहा कि उन्होंने तब ही तत्काल 127(आपदा)के प्रपोजल तैयार करके अपने उच्चाधिकारियों को भेज दिए थे, लेकिन अभी तक इनमें धनराशि स्वीकृत नहीं हो पाने के चलते इन स्थानों पर कार्य करवाना संभव नहीं हो पा रहा है। बृहस्पतिवार देर शाम के घटनास्थल पर उन्होंने आश्वासन दिया कि वह तुरंत ही वहां पर जेसीबी मशीन भेजकर संकरी सड़क को चौड़ा बनाकर वाहनों के सुरक्षित आवागमन के लिए तैयार करवा देंगे।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा ,स्थानीय संपादक