बीएसएनके न्यूज डेस्क। भारत देश ने आज अपना 76वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, इस दौरान नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लगातार 9वीं बार लालकिले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर बात की, लालकिले से हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण इस बार बेहद खास रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 76वें स्वतंत्रता दिवस पर करीब 83 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कागज में लिखे भाषण को पढ़ा, इससे पहले इस साल उनके टेलीप्राम्पटर के जरिये भाषण पढ़ने को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। दरअसल एक बार भाषण देते समय तकनीकी खामी के कारण टेलीप्रॉम्पटर रुक गया था। इसकी वजह से उन्हें थोड़ी देर रुकना पड़ा था, इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उनपर निशाना साधा था।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि आज जब देश अमृत काल में प्रवेश कर रहा है तो भ्रष्टाचार और परिवारवाद दो ऐसी प्रमुख चुनौतियां हैं जो राजनीति तक ही सीमित नहीं हैं। उन्होंने देशवासियों से इन विकृतियों से नफरत करने और अगले 25 सालों में विकसित भारत सुनिश्चित करने के लिए पंच प्रण लेने का आह्वान किया।
‘अमृत काल में लोगों की आकांक्षाएं उफान पर’
लाल किले की प्राचीर से लगातार नौवीं बार राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विश्व भर में फैले भारत प्रेमियों और भारतीयों को आजादी के 75 साल पूरे होने पर बधाई दी और कहा कि आज का दिन ना सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि यह एक पुण्य पड़ाव, एक नयी राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का शुभ अवसर भी है। उन्होंने कहा कि इस अमृत काल में लोगों की आंकाक्षाएं उफान पर हैं और वह नए भारत की तेज गति और प्रगति देखने को लालायित हैं।
भारत लोकतंत्र की जननी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताया और कहा, हमारे देश ने साबित कर दिखाया है कि हमारे पास हमारी विविधता से अंतर्निहित ताकत है और राष्ट्रभक्ति का धागा भारत को अटूट बनाता है। पारंपरिक कुर्ता और चूड़ीदार पायजामे के ऊपर नीले रंग का जैकेट तथा तिरंगे की धारियों वाला सफेद रंग का साफा पहने मोदी ने अपने संबोधन में उन्होंने कहा, आज जब हम अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं। अगले 25 वर्ष हमारे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भ्रष्टाचार और परिवारवाद को दो बड़ी चुनौतियां और विकृतियां करार देते हुए मोदी ने कहा कि अगर समय रहते इनका समाधान नहीं किया गया तो यह विकराल रूप ले सकती हैं।