बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़,चमोली। इसे एक बडी बिडम्बना ही कहेंगे कि देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानियों को देने वाले महान सेनानियों के उत्तराधिकारियों को भी आज अपनी पेंशन के लिए महीनों से भटकना पड रहा है।ऐसे और भी बहुत सारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों की कहानियां भी ऐसी ही हो सकती हैं जिनको वाजिब सम्मान नहीं दिया जा रहा हो।
नारायणबगड़ प्रखंड के चिडिंगा तल्ला गांव के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय आलम सिंह नेगी की 99 वर्षीय धर्मपत्नी श्रीमती कुसुमा देवी को पिछले आठ-नौ महीने से पेशन नही मिली है। चिडिंगा गांव मे जब कुसुमा देवी की समस्या जाननी चाही तो उन्होंने स्थानीय भाषा में बताया कि उनको पिछले काफी समय से पेंशन नही मिल पा रही है।
जिससे उनके परिवार को भरण पोषण के लाले पड़ गए हैं। उन्होंने बताया कि उनके पुत्र का कोई रोजगार नहीं है और वह भी बिमार रहता है और ऐसे में उनकी पेंशन नहीं आने से उनके परिवार के सामने दुखों का पहाड़ टूट गया है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय आलम सिंह नेगी के पुत्र रघुवीर ने कहा कि वह बिमार रहते हैं उनका किडनी तथा घुटने का आपरेशन भी हुए है।
जिससे वह ज्यादा चलने फिरने मे भी समर्थ नहीं हैं और उनकी माता जी भी अधिक उम्रदराज़ होने के कारण अस्वस्थ रहती हैं और वह ऐसे में उनकी देखभाल करने के कारण कहीं बाहर जाकर कुछ नौकरी वगैरह भी नही कर पा रहे हैं। उन्होंने पेंशन नहीं मिल पाने के संबंध में बताया कि उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के केंद्रीय कार्यालय से भी बहुत बार पत्राचार कर दिए हैं और स्थानीय साशन प्रशासन से भी वह गुहार लगा चुके हैं परंतु उनकी समस्या का कही से भी समाधान नही किया जा रहा है।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा,स्थानीय संपादक