बीएसएनके न्यूज डेस्क / नारायणबगड़,चमोली। क्षेत्र पंचायत नारायणबगड़ की बैठक में जिला स्तरीय अधिकारियों की गैरमौजूदगी पर सदस्य भडक उठे। और सदन में ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर बैठक का बहिष्कार किया।
उत्तराखंड में कर्मचारी और अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के लिए कितने संवेदनशील हैं, इसकी बानगी आज बृहस्पतिवार को विकास खंड नारायणबगड़ की तीसरी बीडीसी बैठक में तब दिखाई दी जब ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य विकास कार्यों पर चर्चा के लिए गांवों से बैठक में पहुंचे हुए थे । ब्लाक सभागार में जिम्मेदार जिला स्तरीय अधिकारियों की गैरमौजूदगी को देखकर वे हताश हो गए।
गुस्साये जनप्रतिनिधियों ने सदन में अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बैठक का पूर्ण बहिष्कार करने की मांग कर डाली। हालांकि खंड विकास अधिकारी राकेश मोहन नयाल ने सभी जनप्रतिनिधियों से सुचारू रूप से बीडीसी को चलाए जाने की अपील की, लेकिन जनप्रतिनिधियों ने प्रमुख से बहिष्कार की मांग दोहराई।तो ब्लाक प्रमुख यशपाल सिंह नेगी ने भी जनप्रतिनिधियों का साथ देते हुए बैठक के बहिष्कार की घोषणा कर दी।जनप्रतिनिधियों का कहना था कि जब जिला स्तरीय अधिकारी ही सदन में मौजूद नहीं रहेंगे तो वे लोग अपने क्षेत्रों के विकास कार्यों पर चर्चा और समाधान किससे करेंगे।
उनका कहना था कि जनप्रतिनिधियों के बहुत सारे विकास कार्यों में निचले स्तर पर तमाम बाधाएं आती रहती हैं जिसकी शिकायत वे लोग इस बैठक के माध्यम से उच्चाधिकारियों से कर समाधान करने का आग्रह करते हैं। लेकिन जब अधिकारी गण ही विकास कार्यों के प्रति उदासीनता का रवैया अपना रहे हैं तो ऐसे में बीडीसी बैठक का कोई भी औचित्य नहीं रह जाता है। बताते चलें कि पिछली बीडीसी बैठक में भी जिला स्तरीय कई अधिकारियों के न आने पर भी निंदा प्रस्ताव पारित किया गया था लेकिन सुधार होने की जगह आज की बैठक में सभी नदारद रहे।
इस अवसर पर सहायक खंड विकास अधिकारी बीएस बिष्ट,मनोज कुमार, क्षेपंस केपी सती ,गुड्ड़ी नेगी, कुमारी सरीता ,चंद्रकला देवी, मंजीत सिंह, पृथ्वी नेगी, महावीर मिंगवाल, दीपेन्द्र मिंगवाल, नरेन्द्र सिंह, श्याम सिंह, मनोज सिंह,भरत सिंह, लक्ष्मी टम्टा,ज्योति देवी, गोविन्द बल्लभ जोशी, डॉ भूपेंद्र मेहरा आदि कर्मचारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
रिपोर्ट – सुरेन्द्र धनेत्रा ,स्थानीय सम्पादक